भारत को ब्रिटेन के साथ एफटीए के तहत सीमा पार आंकड़ों के मुक्त लेन-देन पर सहमत नहीं होना चाहिए:जीटीआरआई

भारत को ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत सीमा पार आंकड़ों के मुक्त लेन-देन पर सहमत नहीं होना चाहिए क्योंकि सार्वजनिक सेवाओं के विकास के लिए राष्ट्रीय आंकड़ों का स्वामित्व खुद के पास होना महत्वपूर्ण है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने मंगलवार को यह बात कही। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 17 October 2023, 11:45 AM IST
google-preferred

नयी दिल्ली:  भारत को ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत सीमा पार आंकड़ों के मुक्त लेन-देन पर सहमत नहीं होना चाहिए क्योंकि सार्वजनिक सेवाओं के विकास के लिए राष्ट्रीय आंकड़ों का स्वामित्व खुद के पास होना महत्वपूर्ण है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने मंगलवार को यह बात कही।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, भारत को इन क्षेत्रों में बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं पर कभी भी सहमत नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे भविष्य में देश की नीतिगत संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।

शोध संस्थान ने कहा कि व्यापार के प्रति भारत के दृष्टिकोण में एफटीए एक परिवर्तनकारी बदलाव का प्रतीक है, जो अपना ध्यान पूर्व से पश्चिम की ओर ले जा रहा है और पर्यावरण, श्रम, लिंग, डिजिटल व्यापार तथा डेटा प्रशासन जैसे गैर-व्यापार मामलों को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार कर रहा है।

जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ भारत को सीमा पार आंकड़ों के मुक्त लेन-देन पर सहमत नहीं होना चाहिए। सार्वजनिक सेवाओं के विकास के लिए राष्ट्रीय डेटा का स्वामित्व महत्वपूर्ण है। भारत को कभी भी बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं पर सहमत नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे भविष्य में नीतिगत संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।’’

भारत और ब्रिटेन के बीच समझौते के लिए वार्ता अंतिम चरण में है। दोनों पक्षों द्वारा इस महीने के अंत तक वार्ता के पूर्ण होने की घोषणा करने की उम्मीद है।

जीटीआरआई ने कहा कि श्रम मानकों, लिंग, पर्यावरण और डिजिटल व्यापार जैसे विषयों को ब्रिटेन के अनुरोध पर एफटीए में शामिल किया गया है। भारत को समझौते में इन मामलों पर कोई भी प्रतिबद्धता व्यक्त करने से पहले घरेलू नियम/मानक तैयार करने चाहिए।

ब्रिटेन वित्त वर्ष 2022-23 में 11.4 अरब अमेरिकी डॉलर के माल के निर्यात और नौ अरब अमेरिकी डॉलर के आयात के साथ भारत का 15वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। वहीं 2021-22 में भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

 

Published : 
  • 17 October 2023, 11:45 AM IST

Related News

No related posts found.