जीवाश्म ईंधन का उपयोग रोकने के लिए विकसित देशों के दबाव का भारत ने विरोध किया

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि भारत ने जीवाश्म ईंधन का उपयोग रोकने को लेकर संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित जलवायु सम्मेलन में विकसित देशों के दबाव का विरोध किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 December 2023, 12:34 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि भारत ने जीवाश्म ईंधन का उपयोग रोकने को लेकर संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित जलवायु सम्मेलन में विकसित देशों के दबाव का विरोध किया।

यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत अपनी जनता की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और ‘केवल तेल और गैस का आयात करके’ यह नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं जब तक हम विकसित भारत के उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर लेते, हमें कोयले से बनी बिजली पर निर्भर रहना होगा।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी रहती है लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में उसका योगदान महज चार प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई देशों की प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन है। इसलिए, हमने विकसित देशों के दबाव को स्वीकार नहीं किया।’’

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से उत्सर्जन में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले विकसित देशों को विकासशील देशों को वित्तीय और प्रौद्योगिकीय सहयोग देना होगा ताकि उन्हें जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में मदद मिले।

यादव ने कहा, ‘‘लेकिन विकसित देश जीवाश्म ईंधन का उपयोग बंद करने के लिए विकासशील देशों पर दबाव बना रहे हैं। हमने इसे स्वीकार नहीं किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा कि तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रयासों को राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में देखा जाना चाहिए और समानता तथा सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों एवं संबंधित क्षमताओं (सीबीडीआर-आरसी) के सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।’’

यादव ने कहा कि भारत ने 2005 से 2019 के बीच अपनी जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता को 33 प्रतिशत कम कर दिया और 11 साल पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार किसी अर्थव्यवस्था की जीडीपी उत्सर्जन तीव्रता से आशय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की प्रति इकाई वृद्धि के लिए उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों की कुल मात्रा से है।

पिछले सप्ताह दुबई में सीओपी28 में देश 'जीवाश्म ईंधन से दूर होने' पर एक ऐतिहासिक समझौते पर पहुंचे, जबकि भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने कोयले को लक्षित करने का कड़ा विरोध किया।