भारत ने दक्षिण कोरिया को हराकर पहला महिला जूनियर एशिया कप हॉकी खिताब जीता

डीएन ब्यूरो

भारत ने रविवार को यहां चार बार के चैंपियन दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर पहली बार महिला जूनियर हॉकी एशिया कप का खिताब जीता।

हॉकी  (फाइल)
हॉकी (फाइल)


काकामिगाहारा: भारत ने रविवार को यहां चार बार के चैंपियन दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर पहली बार महिला जूनियर हॉकी एशिया कप का खिताब जीता।

भारत के लिए अनु और नीलम ने गोल दागे जबकि कोरिया के लिए एकमात्र गोल पार्क सियो यिओन ने किया।

पहला क्वार्टर गोल रहित बराबर रहने के बाद भारत ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर अनु के गोल की बदौलत बढ़त बनाई।

जापान के खिलाफ सेमीफाइनल की निराशा को पीछे छोड़ते हुए अनु ने गोलकीपर के बाईं ओर से गोल दागते हुए भारत को 1-0 से आगे किया।

दक्षिण कोरिया ने हालांकि तीन मिनट बाद पार्क सियो यिओन के गोल की बदौलत स्कोर 1-1 कर दिया।

नीलम ने 41वें मिनट में दक्षिण कोरिया की गोलकीपर के दाईं ओर से गोल दागकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ।

भारतीय टीम ने इसके बाद अंतिम क्वार्टर में अपनी बढ़त बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की।

दक्षिण कोरिया को पेनल्टी कॉर्नर के रूप में गोल करने के कई मौके मिले लेकिन टीम इसका फायदा नहीं उठा सकी।

इससे पहले महिला जूनियर एशिया कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 में था जब टीम बैंकॉक में पहली बार फाइनल में पहुंची थी लेकिन चीन से 2-5 से हार गई।

मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनी गई भारतीय कप्तान प्रीति ने कहा कि राउंड रोबिन चरण में कोरिया के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेलने के बाद उन्होंने इस मुकाबले के लिए रणनीति बनाई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अच्छी तरह से जानकारी थी कि कोरिया को हराने के लिए हमें किन विशिष्ट क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है।’’

प्रीति ने कहा, ‘‘फाइनल को लेकर हम नर्वस थे। हालांकि हमें पता था कि कुछ विशेष हासिल करने के लिए हमें टीम के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। और हमने ऐसा ही किया। अपने देश को गौरवान्वित करने की हमें खुशी है।’’

भारत ने मुकाबले में आक्रामक शुरुआत की। टीम को पहले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय टीम इसका फायदा नहीं उठा सकी।

दक्षिण कोरिया ने हालांकि पलटवार करते हुए लय हासिल की और गेंद को अपने कब्जे में अधिक समय रखा।

कोरिया को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन नीलम ने अंतिम लम्हों में गेंद को गोल में जाने से रोक दिया। दोनों टीम के आक्रामक रुख अपनाने के बावजूद पहला क्वार्टर गोल रहित रहा।

दक्षिण कोरिया ने दूसरे क्वार्टर में भी आक्रामक रुख अपनाते हुए भारत को बैकफुट पर धकेला।

कोरिया को कुछ पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन टीम भारत के मजबूत डिफेंस को भेदने में नाकाम रही।

अनु ने इसके बाद पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलकर भारत को बढ़त दिलाई।

भारत की खुशी हालांकि अधिक समय तक नहीं रही क्योंकि सियो यिओन ने ‘डी’ के अंदर से सटीक शॉट लगाकार कोरिया को बराबरी दिला दी।

मध्यांतर तक स्कोर 1-1 रहा।

दूसरे हाफ में भारत ने पलटवार करने की रणनीति अपनाई और टीम को इसका फायदा भी मिला जब नीलम ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागकर स्कोर 2-1 किया।

भारत ने इसके बाद डिफेंस पर अधिक ध्यान दिया और बढ़त बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की।

हॉकी इंडिया ने खिताब जीतने वाली टीम की प्रत्येक खिलाड़ी को दो लाख रुपये नकद देने जबकि सहयोगी स्टाफ के प्रत्येक सदस्य को एक लाख रुपये देने की घोषणा की।

भारत टूर्नामेंट में अजेय रहा और साथ ही इस साल चिली में होने वाले महिला जूनियर विश्व कप 2023 में भी जगह बना ली।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘‘हम बेहद गौरवान्वित हैं कि भारतीय जूनियर महिला टीम ने पहली बार जूनियर एशिया कप का खिताब जीता।’’

उन्होंने कहा,‘‘यह इस साल होने वाले जूनियर विश्व कप में उनकी चुनौती के लिए एक मजबूत नींव के रूप में काम करेगा।’’

 










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