Income Tax: कर संग्रह का लक्ष्य संशोधित अनुमान में बरकरार रहने की संभावना

डीएन ब्यूरो

सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 33.61 लाख करोड़ रुपये के कुल कर संग्रह लक्ष्य के बजटीय अनुमान को संशोधित अनुमान में भी बरकरार रख सकती है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कर संग्रह का लक्ष्य
कर संग्रह का लक्ष्य


नयी दिल्ली: सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 33.61 लाख करोड़ रुपये के कुल कर संग्रह लक्ष्य के बजटीय अनुमान को संशोधित अनुमान में भी बरकरार रख सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह संभावना जताई।

इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें पहले ही नीचे आने से उत्पाद शुल्क में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अबतक प्रत्यक्ष कर संग्रह लगभग 20 प्रतिशत बढ़ा है और अप्रत्यक्ष कर संग्रह पांच प्रतिशत अधिक है। हमारे पास वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों का आंकड़ा उपलब्ध है और अमूमन पहली छमाही में संग्रह बेहतर रहता है। ऐसे में हम अपने संशोधित अनुमान (आरई) में बजट आंकड़ों पर कायम रहेंगे।’’

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कुल कर संग्रह 33.61 लाख करोड़ रुपये रहने का लक्ष्य रखा गया था। यह पिछले वर्ष 2022-23 के 30.54 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह से 10.1 प्रतिशत अधिक है।

चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट कर) से 18.23 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क) से 15.38 लाख करोड़ रुपये एकत्र होने की उम्मीद है।

चालू वित्त वर्ष के राजस्व आंकड़ों के लिए संशोधित अनुमान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2024 को संसद में लेखानुदान या अंतरिम बजट के हिस्से के रूप में पेश करेंगी।

अधिकारी ने पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें पहले ही नरम हो गई हैं और ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है।

भारत अपनी लगभग 85 प्रतिशत तेल जरूरतें आयात से पूरी करता है लिहाजा स्थानीय ईंधन दरों को अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों के अनुरूप ढाला जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब कच्चे तेल की कीमतें अधिक थीं तो हमने उत्पाद शुल्क में कटौती की। लेकिन जब कीमतें पहले ही कम हो गई हैं तो कर में कटौती का सवाल ही नहीं उठता। आप कीमतों में कटौती की मांग कर सकते हैं, लेकिन कर घटाने के कारण ऐसा नहीं होगा।’’

सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 76.40 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुद्रास्फीति को कम करने के लिए कच्चे तेल पर उत्पाद शुल्क में पिछली कटौती मई, 2022 में की गई थी। उस समय पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर शुल्क में छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।










संबंधित समाचार