Bihar: बिहार में पकड़ा गया कोरोना जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा, इन-इन पर गिरी गाज
बिहार में कोरोना जांच के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद मामले की जांच शुरु कर दी गई है। इस दौरान सख्त कदम उठाते हुए जमुई के सिविल सर्जन सहित चार पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
पटनाः बिहार में कोरोना जांच के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
बिहार के जमुई में कोरोना की फर्जी जांच के मामले में वहां के सिविल सर्जन और चार स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना की फर्जी जांच का मामला सामने आने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए उनके निर्देश पर जमुई के सिविल सर्जन डॉ विजयेंद्र सत्यार्थी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधांशु नारायण लाल, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विमल कुमार चौधरी, बरहट के प्रभारी डॉ एन के मंडल और सिकंदरा के प्रभारी डॉ साजिद हुसैन को निलंबित किया गया है।
यह भी पढ़ें |
Lok Sabha Elections: जमुई में PM मोदी का RJD पर करारा प्रहार और CM नीतीश की प्रशंसा
स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए जमुई में कोरोना जांच से जुड़े आधा दर्जन से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया। इनमें जमुई के जिला प्रोग्राम मैनेजर, सिकंदरा और बरहट के दोनों प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के हेल्थ मैनेजर, लैब टेक्नीशियन एवं एएनएम शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष सह जिलाधिकारी को इन कर्मियों की पहचान कर बर्खास्त करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि कम कोरोना जांच कर बिहार सरकार ने अधिक जांच के आंकड़े जारी किए हैं। वहीं, ऐसा करके बड़ी रकम की हेराफेरी की गई है। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद नीतीश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष इस मामले में हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर कोरोना जांच में घोटाला करने का आरोप लगाया है।