ड्रोन के इस्तेमाल से आसान हो सकती है कोरोना के संदिग्धों की पहचान’

डीएन ब्यूरो

कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने की लड़ाई में थर्मल कैमरा युक्त ड्रोन का इस्तेमाल कर इसके संदिग्धों की पहचान आसान हो सकती है।

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने की लड़ाई में थर्मल कैमरा युक्त ड्रोन का इस्तेमाल कर इसके संदिग्धों की पहचान आसान हो सकती है।
 
 
ड्रोन, इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियों को सलाह सेवा देने वाली कंपनी ऑल्टरनेटिव ग्लोबल के संस्थापक अंकित कुमार ने यूनीवार्ता के साथ साक्षात्कार में यह बात कही। कुमार ने बताया कि अभी कर्फ्यू के उल्लंघन की निगरानी के लिए महाराष्ट्र में ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल में ड्रोन के माध्यम से सार्वजनिक उद्घोषणाएं की जा रही हैं। इसका इस्तेमाल कोरोना के संदिग्धों की पहचान के लिए किया जा सकता है, लेकिन अब तक किसी राज्य ने इसे अपनाया नहीं है।
 
कुमार ने बताया कि ड्रोनों पर थर्मल कैमरे लगाकर कोरोना के संदिग्धों की पहचान की जा सकती है। थर्मल कैमरों से उन लोगों का पता चल सकेगा जिनके शरीर का तापमान सामान्य से अधिक है। इस प्रकार कोविड-19 के संदिग्धों की जल्द पहचान हो सकेगी जिससे इस रोग का संक्रमण ज्यादा नहीं फैलेगा।

 

उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी दिल्ली तथा कुछ अन्य राज्यों की सरकारों के साथ इस संदर्भ में बात कर रही है ताकि थर्मल कैमरा युक्त ड्रोनों का इस्तेमाल कोरोना का संक्रमण रोकने में किया जा सके। ये कैमरे घरों के अंदर बैठे लोगों के शरीर का भी तापमान मापने में सक्षम होते हैं। इससे पता चल सकेगा कि किस घर या इमारत में कोई व्यक्ति बुखार पीड़ित है।
 
 
ऑल्टरनेटिव ग्लोबल के संस्थापक ने कहा कि इसके अलावा दूरदराज के इलाकों से संदिग्धों के जैविक नमूने एकत्र कर प्रयोगशालाओं तक पहुँचाने, जैविक नमूने एकत्र करने के लिए वीटीएम किट भेजने में भी इन ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत होगी और जाँच की रिपोर्ट जल्द मिल सकेगी। (वार्ता)









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