

यदि नीम के सात ताजे पत्तों को रोज़ सुबह खाली पेट चबाया जाए, तो यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में काफी मददगार हो सकता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत में नीम को सदियों से औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। आयुर्वेद में इसे एक चमत्कारी वृक्ष के रूप में देखा गया है, जिसका हर भाग - चाहे वह पत्ता हो, छाल हो या बीज - औषधीय उपयोग में आता है। विशेष रूप से डायबिटीज जैसी गंभीर और लगातार बढ़ती समस्या में नीम के पत्तों का उपयोग बेहद लाभकारी माना गया है।
हाल ही में आयुर्वेदिक विशेषज्ञों और प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास रखने वाले जानकारों ने बताया है कि यदि नीम के सात ताजे पत्तों को रोज़ सुबह खाली पेट चबाया जाए, तो यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में काफी मददगार हो सकता है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो मधुमेह (डायबिटीज) के शुरुआती या नियंत्रित स्तर से जूझ रहे हैं।
कैसे काम करता है नीम?
नीम में मौजूद एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में भी सहायक होता है। नीम की कड़वाहट पाचन तंत्र को सक्रिय करती है और पैंक्रियाज (अग्न्याशय) को बेहतर तरीके से काम करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे शरीर में प्राकृतिक रूप से इंसुलिन बनता है।
नीम सेवन का सही तरीका
सुबह खाली पेट, बिना कुछ खाए सबसे पहले ताजे नीम के 7 पत्ते लें।
इन्हें अच्छी तरह चबाकर खाएं और ऊपर से एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।
इस प्रक्रिया को रोज़ाना अपनाने से कुछ ही हफ्तों में फर्क महसूस होने लगता है।
लेकिन ध्यान रहे, इसका सेवन करते समय किसी भी दवा को बंद न करें, बल्कि डॉक्टर की सलाह के साथ ही आगे बढ़ें।
अन्य लाभ भी हैं शामिल
नीम सिर्फ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में ही नहीं, बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, त्वचा को साफ रखने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और नई ऊर्जा का संचार होता है।
सावधानी जरूरी
गर्भवती महिलाएं और अत्यधिक लो ब्लड शुगर वाले व्यक्ति बिना डॉक्टर की सलाह नीम का सेवन न करें।
ज्यादा मात्रा में सेवन से उल्टी, चक्कर या पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।