Online Gaming को GST का बड़ा झटका, सिनेमाहॉल में खाना हुआ सस्ता, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का मंगलवार को फैसला किया। सिनेमाघरों में बिकने वाले खाने-पीने के सामान पर कर की दर घटाने के साथ उपकर के लिये एसयूवी की परिभाषा को भी बदल दिया गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक
जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक


नयी दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का मंगलवार को फैसला किया। सिनेमाघरों में बिकने वाले खाने-पीने के सामान पर कर की दर घटाने के साथ उपकर के लिये एसयूवी की परिभाषा को भी बदल दिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, परिषद ने कैंसर के इलाज वाली दवा डिनुटूक्सिमैब और दुर्लभ बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली औषधि को जीएसटी दायरे से बाहर रखने का भी फैसला किया। इसके अलावा निजी कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को भी जीएसटी से छूट देने का निर्णय किया गया है।

सिनेमाघरों में परोसे जाने वाले खाने-पीने के सामान पर अब 18 प्रतिशत के बजाए पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगी। यह दर होटल और रेस्तरां में लगने वाले शुल्क के बराबर है। कई मामलों में सिनेमाघर खान-पान के सामान पर 18 प्रतिशत जीएसटी ले रहे थे।

इसके साथ ही 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 22 प्रतिशत उपकर लगाने को लेकर एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है। यह दर उन एसयूवी पर लगेगा जिनकी लंबाई चार मीटर या उससे अधिक, इंजन क्षमता 1,500 सीसी या उससे अधिक और बिना वजन के उसका ‘ग्राउंड क्लियरेंस’ न्यूनतम 170 मिमी है। इस परिभाषा में सेडान शामिल नहीं है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 50वीं बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, कसीनों पर अधिकतम दर से कर लगाने के पीछे इरादा किसी उद्योग को खत्म करना नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘परिषद की बैठक में इस नैतिक प्रश्न पर भी चर्चा की गई। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें आवश्यक उद्योगों से अधिक बढ़ावा दिया जाए।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम शुद्ध रूप से यह देख रहे हैं कि किस पर कर लगाया जा रहा है क्योंकि यह मूल्य सृजित करता है, लाभ कमाया जा रहा है... दांव लगाकर जो लोग जीतते हैं, उसके आधार पर कर लगाया जा रहा है। आज के फैसले में यह देखा गया है कि किस पर कर लगाया जाना है और किस पर नहीं।’’

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ऑनलाइन गेमिंग के नियामकीय पहलू को देख रहा है, जबकि जीएसटी परिषद ने केवल कर के संबंध में निर्णय लिया है।

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कर इस आधार पर कोई भेदभाव किये बगैर लगाया जाएगा कि खेल के लिए कौशल की जरूरत है या वे संयोग पर आधारित हैं।

ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कसीनो को लॉटरी और जुए की तरह ‘कार्रवाई योग्य दावे’ के रूप में परिभाषित करने के लिये जीएसटी कानून में संशोधन का विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में लाए जाने की संभावना है।

मंत्री समूह को इस पर विचार करना था कि इन तीनों गतिविधियों में दांव पर लगने वाली समूची राशि पर कर लगाया जाए या सकल गेमिंग राजस्व या सिर्फ मंच की तरफ से वसूले जाने वाले शुल्क पर कर लगाया जाए।

परिषद ने जीएसटी से संबंधित विवादों के निपटान के लिए सभी राज्यों में अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दी है। देश भर में करीब 50 न्यायाधिकरण गठित किए जाएंगे और अगले चार-छह महीनों में ये काम करना शुरू कर देंगे।










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