सरकार का किसी सोशल मीडिया मंच से रिश्ता नियमों के अनुपालन तक

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार का किसी भी सोशल मीडिया मंच से रिश्ता सिर्फ नियम-कानून के अनुपालन की नजर से होता है और इसीलिए किसी एक मंच या अन्य के खिलाफ कुछ भी व्यक्तिगत या विरोधात्मक नहीं है।

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार का किसी भी सोशल मीडिया मंच से रिश्ता सिर्फ नियम-कानून के अनुपालन की नजर से होता है और इसीलिए किसी एक मंच या अन्य के खिलाफ कुछ भी व्यक्तिगत या विरोधात्मक नहीं है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंचों को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा।

चंद्रशेखर बुधवार को फाइनेंशियलएक्सप्रेस डॉट कॉम के ‘डिजिटल भारत इकनॉमी कॉन्क्लेव-2023’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का किसी भी सोशल मीडिया मंच से रिश्ता सिर्फ नियम-कानून अनुपालन करने की नजर से है और इसलिए किसी मंच या अन्य से व्यक्तिगत या विरोधात्मक कुछ नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “लेकिन हम इन मंचों से निश्चित रूप से और लगातार भारतीय कानूनों का सम्मान करने के लिए कहते हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कोविन मंच (कोविड टीकाकरण पोर्टल) से व्यक्तिगत डाटा पर कथित सेंध के दावों को खारिज किया।

चंद्रशेखर ने कहा, “मैं कहूंगा कि कोविन डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगी है। टेलीग्राम बॉट जो सूचना निकाल रहा है वह कोविन डेटाबेस से नहीं ली गई है।”

मंत्री ने ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी को उनके हालिया बयान के लिए भी आड़े हाथ लिया। डोर्सी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि “किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने माइक्रोब्लॉगिंग मंच पर दबाव बनाया था और सरकार की बात नहीं मानने पर ट्विटर को भारत में बंद करने, कर्मियों के आवासों पर छापेमारी करने की धमकी दी थी।

चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावे को सरासर झूठ बताया।

चंद्रशेखर ने बताया, “यह सरासर झूठ है क्योंकि पूर्व में कभी भी, विशेष रूप से 2020-22 के दौरान, भारत सरकार ने ट्विटर पर कोई कार्रवाई की हो, जबकि मंच दो वर्षों तक भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता रहा। सरकार ने ट्विटर को बंद नहीं किया न ही किसी को जेल भेजा और यह विडम्बना है क्योंकि जैक डोर्सी ने जो कुछ भी कहा है, उसे नकारने के लिए मुझे कानून के उल्लंघन के खिलाफ सरकार की ओर से निष्क्रियता का हवाला देना होगा।”










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