खदानों में सुधार के उपायों में जुटी सरकारी कोयला कंपनियां, जानिये ये बड़ा अपडेट

डीएन ब्यूरो

कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां खदानों में सुधार के लिए कई उपाय कर रही है। इसमें पौधे लगाने से लेकर ईको-पार्क विकसित करना, छोड़ी गई खानों को फिर से उपयोगी बनना और कई क्षेत्रों में निवेश जैसे उपाय शामिल हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी
कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी


नयी दिल्ली: कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनियां खदानों में सुधार के लिए कई उपाय कर रही है। इसमें पौधे लगाने से लेकर ईको-पार्क विकसित करना, छोड़ी गई खानों को फिर से उपयोगी बनना और कई क्षेत्रों में निवेश जैसे उपाय शामिल हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जोशी ने बताया कि इसके अलावा मंत्रालय कोयले के गैसीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना और जल निकायों का संरक्षण करने जैसे उपायों पर भी काम कर रहा है। इसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाया जा रहा है।

उन्होंने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने 2070 तक भारत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन वाला बनाने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है। उनकी दृष्टि के अनुरूप, हम पीएसयू कोयला खनन को टिकाऊ बनाने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं। हम जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी काम कर रहे हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।''

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अपनी आठ अनुषंगी कंपनियों और एनएलसी इंडिया लिमिटेड के साथ कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करती है।

जोशी, जो संसदीय मामलों के मंत्री भी हैं, ने कहा, ‘‘2014-15 से 2022-23 तक, हमने लगभग 3.70 करोड़ पौधे लगाकर 16,262 हेक्टेयर भूमि पर हरित आवरण बढ़ाया है।’’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों ने 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है।










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