

मंगलवार को देश भर के सरकारी बैंक के तकरीबन 10 लाख अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर रहेंगे। जिससे बैंको का कामकाज पूरी तरह से ठप रहेगा। वहीं सारे प्राइवेट बैंक खुले रहेंगे।
नई दिल्ली: मंगलवार को देश भर के सरकारी बैंक के तकरीबन 10 लाख अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर रहेंगे। जिससे बैंको का कामकाज पूरी तरह से ठप रहेगा। वहीं सारे प्राइवेट बैंक खुले रहेंगे।
हड़ताल का आह्वान अधिकारियों और कर्मचारियों की नौ यूनियनों ने युनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियंस यानी यूएफबीयू के तहत किया है। यूएफबीयू ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं पूरी की तो 15 सितम्बर को दिल्ली में बड़ी रैली निकाली जाएगी, और फिर से बैंक को सारे कामकाज ठप कर दिये जाएंगे।
जानिये क्या है सरकारी कर्मचारियों की मागें
-सरकारी बैंकों के कर्माचारियों की सबसे पहली मांग ये है कि सरकारी बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए।
-इसके बाद दूसरी मांग ये है कि जीएसटी के नाम पर सर्विस चार्ज नहीं बढ़ाया जाये। सभी स्तर पर पर्याप्त संख्या में नई नियुक्ति की जाए।
-कर्मचारियों की तीसरी मांग ये है कि फंसे कर्ज के लिए बैकों में शीर्ष पर बैठे लोगों की जवाबदेही तय की जाए।
-चौथी मांग ये है कि फंसे कर्ज की वसूली पर संसदीय समिति की सिफारिशों पर अमल किया जाए।
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