

गोरखपुर पुलिस को दहेज हत्या के एक पुराने मामले में बड़ी सफलता मिली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: जनपद में पुलिस को दहेज हत्या के एक पुराने मामले में बड़ी सफलता मिली है। साल 2004 में थाना गगहा में दर्ज इस मामले में तीन आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश जनपद गोरखपुर ने जलेश्वरनाथ तिवारी, कैलाशी देवी और प्रेमलता को दोषी करार देते हुए उन्हें सात साल की कैद और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
"ऑपरेशन कनविक्शन" का यह सफलता पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे "ऑपरेशन कनविक्शन" अभियान के तहत मिली है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में थानाध्यक्ष गगहा गौरव कुमार वर्मा और उनकी टीम ने इस मामले में प्रभावी पैरवी की।
दरअसल: साल 2004 में थाना गगहा में दहेज हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पीड़िता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था और अंततः उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जलेश्वरनाथ तिवारी, कैलाशी देवी और प्रेमलता को आरोपी बनाया गया था।
इस मामले में ADGC श्री श्रद्धानंद पाण्डेय और ADGC श्री रविन्द्र सिंह का भी अमूल्य योगदान रहा। उनकी देखरेख में पुलिस ने इस मामले को सफलतापूर्वक सुलझाया।
यह सजा दहेज प्रथा के खिलाफ एक बड़ी जीत है। इससे समाज में एक संदेश जाएगा कि दहेज लेना या देना एक अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।