माघ मेले की शुरुआत के साथ गंगा को निर्मल बनाने का अभियान जारी

पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के विस्तीर्ण रेती पर 10 जनवरी से शुरू हो रहे माघ मेला और गंगा यात्रा के लिए गंगा में जल छोड़े जाने से उसके जलस्तर में वृद्धी होने से करीब 200 बीघा से अधिक भूमि पानी में समा गई है।

Updated : 26 December 2019, 2:50 PM IST
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प्रयागराज:  पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के विस्तीर्ण रेती पर 10 जनवरी से शुरू हो रहे माघ मेला और गंगा यात्रा के लिए गंगा में जल छोड़े जाने से उसके जलस्तर में वृद्धी होने से करीब 200 बीघा से अधिक भूमि पानी में समा गई है।

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गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए एक से पांच जनवरी के मध्य गंगा यात्रा निकाली जाएगी। हरिद्वार से गंगा यात्रा के लिए गंगा में प्रतिदिन पानी छोडने का उद्देश्य पांच जनवरी तक गंगा को निर्मल बनाना है। गंगा यात्रा बलिया से शुरू होकर तटवर्ती गांवों से होते हुए कानपुर में समाप्त होगी। इस बीच तीन जनवरी को गंगा यात्रा का पड़ाव प्रयागराज में होगा। (वार्ता)
 

Published : 
  • 26 December 2019, 2:50 PM IST