Ganesh Chaturthi 2022: हर शुभ कार्य में सबसे पहले क्यों की जाती है भगवान गणेश की पूजा, जानिये दिलचस्प कहानी

डीएन ब्यूरो

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश के उत्सव की धूम रहती है। इसके अलावा भी हर शुभ कार्य में हमेशा सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें पूरी कथा

गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी


नई दिल्ली: हिन्दू मान्यता के अनुसार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेश महोत्सव का पर्व शुरू हो जाता है। गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाला उत्सव 10 दिनों तक चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव समाप्त हो जाता है।

गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करके पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार पूरे देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

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इसके अलग बात की जाए तो हर शुभ काम की शुरूआत में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता के रूप में जाना जाता है।

डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये कि आखिर क्यों हर शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

ये है पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार की बात है कि सभी देवताओं में बहस होने लगी कि कौन श्रेष्ठ देवता है और इसकी पूजा पहले होनी चाहिए। इसी बात को लेकर देवताओं में बहस होने लगी और वह सभी अपनी समस्या लेकर भगवान शिव के पास गए।

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देवताओं के बीच हुई प्रतियोगिता

भगवान शिव ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया और कहा जो भी देवता अपने वाहन पर बैठकर सबसे पहले तीनों लोकों का चक्कर लगाकर वापस आ जाएगा उसे ही प्रथम पूज्य देव माना जाएगा।

भगवान गणेश ने की माता-पिता की परिक्रमा

सभी देवता अपने वाहन पर बैठकर निकल गए और भगवान गणेश वहीं खड़े रहे। सब के चले जाने के बाद भगवान गणेश अपने वाहन मूषक पर बैठकर अपने माता-पिता यानी शिव-पार्वती की चारों ओर परिक्रमा कर हाथ जोड़कर खड़े हो गए।

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भगवान गणेश ने जीती प्रतियोगिता

देवताओं के वापस आने पर सभी ने भगवान गणेश को वहीं खड़ा पाया। इसके बाद भगवान शिव ने कहा कि माता-पिता में तीनों लोकों का वास होता है। गणेश ने अपने माता-पिता की परिक्रमा करके यह प्रतियोगिता जीत ली है। तब से भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता के रूप में माना जाने लगा।










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