चारा चोर आईएएस अमरनाथ उपाध्याय के बहाली पर महराजगंज में खड़ा हुआ बवाल, भाजपा के चंद नेताओं की हरकत से योगी समर्थक नाराज

शिवेन्द्र चतुर्वेदी/राहुल पांडेय

यूपी के ईमानदार और कर्मठ सीएम योगी आदित्यनाथ के संसदीय कार्यकाल के दौरान महराजगंज के एक सफेदपोश नेता द्वारा हर बात-बेबात पर उनसे कंपटीशन किया जाता था लेकिन सीएम योगी ने बड़प्पन दिखाते हुए कभी भी इस नेता को तनिक भी महत्व नहीं दिया। एक समय दोनों का राजनीतिक कद पद के लिहाज से बराबर था। बदले दौर में योगी सीएम बन गये, उसके बाद तो इस नेता के अंदर ही अंदर जलन की सीमा ही नहीं रही। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

अमरनाथ उपाध्याय की बहाली से पैदा हुआ विवाद
अमरनाथ उपाध्याय की बहाली से पैदा हुआ विवाद


महराजगंज: यूपी के ईमानदार और कर्मठ मुख्यमंत्री के किसी भी निर्णय को चुनौती देने का साहस अच्छों-अच्छों में इस समय नहीं है लेकिन जिले में भाजपा के कुछ छुटभैये नेता और जिला संगठन के पदाधिकारी एक सफेदपोश नेता के इशारे पर तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। इसके बाद योगी के समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा है।

मामला सीएम के सबसे प्रिय प्रोजेक्ट मधवलिया गौसदन का है। महराजगंज के भ्रष्ट और प्रमोटेड जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को जब पहली बार अपने मूल निवास बिहार के गोपालगंज के सीमा पर स्थित महराजगंज जिले का डीएम बनाया गया तो इन्होंने लूट की सारी हदें पार करते हुए सबसे पहले डाका डाल दिया सीएम के प्रिय प्रोजेक्ट गौ-माता के चारा-दवा-पानी चुराने और 328 एकड़ बेशकीमती जमीनों को कौड़ियों के मोल अपने चहेतों को बांटने के नाम पर।

अफसरों ने सीएम को ऱखा अंधेरे में, नहीं होने दी एफआईआऱ 
सीएम ने जब मामले की जांच करायी तो मामला सही पाया गया और इसे निलंबित कर दिया गया। निलंबन के समय ही मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इसके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और आपराधिक गतिविधियों का मुकदमा दर्ज कराने का ऐलान भरी प्रेस वार्ता में लखनऊ के लोक भवन में कर तो दिया लेकिन न जाने किस स्वार्थ में अफसरों के एक काकस ने सीएम को अंधेरे में रख इस चारा चोर के खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज होने दी। यह बड़ी जांच का विषय है।  

 

सीएम को सफेदपोश नेता ने दी सीधी चुनौती
सोमवार की शाम को भाजपा के जिले स्तर के एक सफेदपोश नेता के इशारे पर उसके गुर्गों ने सोशल मीडिया पर अमरनाथ उपाध्याय के बहाल होने की खबर लिखी और जबरदस्त तरीके से इसे महिमामंडित करते हुए बधाईयां देना शुरु किया। 

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जिन नैतिक मूल्यों पर सीएम पूरे जीवन अडिग रहे और संघर्ष किया उसी को इस सफेदपोश नेता के उकसावे पर गुर्गों ने खुलेआम चुनौती दे डाली है। एक ऐसा भ्रष्ट अफसर जो 2500 गायों में से करीब 1546 गायों को एक साजिश के तहत गायब करा देता है और इन गायों के नाम पर आने वाला धन अपने पापी पेट की हवस शांत करने के लिए गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करता है। ऐसे भ्रष्टाचारी अफसर को सीएम ने निलंबित कर दिया। साढ़े सात महीने तक निलंबन की काल-कोठरी में सड़ने के बाद यह बहाल हुआ लेकिन बहाली के बावजूद इसकी dp (departmental proceedings) विभागीय जांच/कार्यवाही जारी है। जिस पर अमरनाथ का अभिमत आना बाकी है। जिस पर आगे इसकी सजा तय होनी है। भ्रष्टाचारी अमरनाथ के खिलाफ आय़ से अधिक संपत्ति की प्रधानमंत्री कार्यालय, केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त और प्रवर्तन निदेशालय की विभिन्न जांचो पर निर्णय आना बाकी है। बस्ती के मंडलायुक्त की एक अन्य जांच में दोषी पाये गये अमरनाथ को सजा सुनायी जानी बाकी है।

कुल मिलाकर निलंबन और बहाली तो नौकरी की एक प्रक्रिया है लेकिन जिस तरह से जिले के इस सफेदपोश नेता के गुर्गों ने सोशल मीडिया पर इस भ्रष्टाचारी का गुणगान किया है, वह क्या सीएम को सीधी चुनौती देने जैसा नहीं है? इस सवाल को लेकर चारों तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म है। 

भाजपा के नाम पर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले कुछ पदाधिकारियों की इस हरकत का जैसे ही पता योगी समर्थकों को लगा वे बिफर पड़े।

गोरखपुर मंडल में हिन्दू युवा वाहिनी की नींव रखने वालों में से एक और वर्तमान में हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह ने इन चाटुकारों को जबरदस्त तरीके से आड़े हाथों लिया। 

सीएम योगी के बेहद निकट के लोगों में से एक श्रवण सिंह ने अपने फेसबुक पर लिखा कि आज गौ माता रो रही हैं, किस बात पर भाजपा के चंद नेता खुशी का इजहार कर रहे हैं? 

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योगी के खास हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह का फूटा गुस्सा

फेसबुक पर लिखा गया पूरा कंटेट इस प्रकार हैं:
लालू के बाद का सबसे बड़ा चारा चोर आज गौ माता रो रही हैं ये है, श्री अमरनाथ उपाध्याय ये इनको इतनी भूख लग गयी थी कि, बेजुबान और हमारी संस्कृति में पूज्यनीया गाय माता का मधवालिया गो सदन का चारा ही का लिए, संयोग देखिए ये महोदय भी श्री लालू प्रसाद यादव जी की गृह जनपद के रामचनरा पुर के मूल निवासी हैं। ये वर्तमान पूज्यनीय योगी के सरकार में निलंबित कर दिए गए थे, होना भी चाहिए था, लेकिन आज कुछ भाजपा मित्रो संगठन के पदाधिकारियों द्वारा इनके बहाली पर खुशी का इज़हार करना आखिर क्या दर्शाता है, योगी जी के सरकार का निर्णय गलत था अथवा ये लोग भी पथ्य/नेपथ्य से जिलाधिकारी महोदय के कुकृत्यों में उनकी भी सहभागिता थी !!!!!! इस संवेदनशील विषय पर जहां एक स्वर से योगी की निर्णय की सराहना हुई थी। आज बहाली पर भाजपा के सामान्य से लेकर विशिष्ट पदाधिकारी भी बधाईयों और खुशी का इज़हार कर रहे हैं। ये तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बिडम्बना है, स्वच्छ शासन और संगठन के प्रासंगिकता पर सवालिया निशां है इसे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को गम्भीरता से संज्ञान लेना चाहिए, आज गौ माता रो रही है।

कुल मिलाकर भाजपा के चंद छुटभैये नेता जिस तरह से सोशल मीडिया पर अमरनाथ का गुणगान कर रहे हैं ये जिले में पुराने दिनों की याद दिला रहा है, जब इस सफेदपोश नेता के समर्थक हर बात पर योगी के खिलाफ आवाज बुलंद करते थे जिसके जवाब में हिन्दू युवा वाहिनी और विश्व हिन्दू महासंघ के नेता हमेशा मुंहतोड़ जवाब देते थे।

बड़ा सवाल

सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा के ये पदाधिकारी जिस तरह से सोशल मीडिया पर टिप्पणियां कर रहे हैं, उससे ये क्या साबित करना चाहते हैं? क्या यह सीएम को सीधे-सीधे चुनौती नहीं है? 
 










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