फतेहपुर: चिराग तले अंधेरा.. क्या इन जानलेवा सड़कों पर भी ध्यान देंगे डीएम?

डीएन संवाददाता

जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह कई मोर्चों पर फतेहपुर शहर की तस्वीर बदलने में जुटे हुए है, जिसके लिये उनके द्वारा कई तरह के सराहनीय अभियान भी शुरू किये गये हैं लेकिन डीएम अगर शहर की सड़कों की तरफ भी अपनी नजर इनायत करें तो इसे सोने पर सुहागा कहा जायेगा। जिले की बदहाल सड़कों पर डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..



फतेहपुर: जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह द्वारा जिले के हितार्थ एक के बाद एक कई तरह के निर्णय लिये जा रहे हैं, जिसमें शहर को अतिक्रमण से निजात दिलाना, खुले में शौच से मुक्त बनाना और कुपोषण से मुक्ति दिलाना प्रमुख है लेकिन इन सबके बावजूद भी शहर भर में फैली जानलेवा सड़कों का जाल जिले की छवि को दागदार बना रहा है, कितना बेहतर होता यदि डीएम इस तरफ भी अपना ध्यान देते।

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शहर भर में कई जगहों पर गढ्ढ़ों में तब्दील सड़कें जिले के दामन को न केवल दागदार बना रही है बल्कि बुरी तरह ‘जख्मी’ यह सड़कें रोड यूजर्स समेत आम आदमी के जीवन को संकट में भी डाल रही है। यूं तो शहर की सड़कें कई क्षेत्रों में जर्जर हो चुकी है लेकिन बारिश के बाद जिले की बांदा सागर रोड जिस तरह अंदर तक धंस गयी है, उसे मौत का खुला आमंत्रण माना जा सकता है। (देखें वीडियो)

बांदा सागर रोड पर बने गहरे गड्डों में पानी भरे होने के कारण वाहन चालकों को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता है कि गढ्ढे कितने गहरे हैं, लेकिन जैसे ही वाहन वहां से गुजरते हैं उनका सफर जानलेवा बन जाता है। बलखाते वाहनों के इन गढ़्ढों से सुरक्षित निकल जाने की कोई गारंटी नहीं है। शहर की कई सड़कों का हाल भी दुर्भाग्य से ऐसा ही है, जहां सफर करना जोखिमों से भरा पड़ा है। 

यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी शहर और जिले को सुधारने के लिये कई कदम उठा रहा है, जिसकी निश्चित ही सराहना की जानी चाहिये लेकिन जिलधिकारी यदि इन सड़कों की तरफ भी ध्यान दें तो शहर वासियों का सफर और जीवन और आसान हो जायेगा। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण ढहाने के बाद निकले मलबे को भी यदि प्रशासन द्वारा सड़कों में बने गढ्ढों में डाल दिया जाता तो कुछ हद तक समस्या हल की जा सकती है। 
 










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