फतेहपुर: लक्ष्मी कॉटन मिल के मजदूरों की हड़ताल जारी, हक के लिये हर हद पार करने को तैयार

डीएन संवाददाता

लक्ष्मी कॉटन मिल के मजदूर अपनी मांगों को लेकर पिछले एक महीने से हड़ताल कर रहें है, लेकिन उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। हड़ताली मजदूरों में अब धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ने लगा है, उनका कहना है कि अपना हक पाने के लिये वह किसी भी हद तक गुजर सकते हैं। पूरी खबर..

डाइनामाइट न्यूज़ से अपनी समस्या साझा करते मजदूर
डाइनामाइट न्यूज़ से अपनी समस्या साझा करते मजदूर


फतेहपुर: लक्ष्मी कॉटन मिल के मजदूरों की हड़ताल जारी है, हड़ताली मजदूरों की समस्याओं को सुनने के लिए कपंनी प्रबंधक तैयार नहीं है, जिस कारण मजदूरों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। गुस्साये मजदूरों का कहना है कि यदि मिल प्रबंधक कुछ दिनों में उनकी समस्याएं हल नहीं करता है तो वह अपना हक पाने के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

 

 

मजदूरों की हड़ताल को एक माह से अधिक का समय हो चुका है। उन्हें कुछ महीनों से मिल प्रबंधक द्वारा बकाया वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया, जिसके कारण उनके परिवार के समक्ष भूख और रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों में व्यापक आक्रोश है।

 

 

डाइनामाइट न्यूज से बात करते हुए हड़ताली मजदूर प्रदीप शुक्ला ने कहा कि हम लोग अपनी समस्या को लेकर सीएम योगी से भी मुलाकात कर चुके हैं,लेकिन सिवाय आश्वासन के अभी तक हमें कुछ नहीं मिला है।

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मजदूरों ने बताया कि गुरूवार को कम्पनी के मालिकों को साथ हमारी मीटिंग हुई, लेकिन नतीजा  कुछ नहीं निकला सका। मजदूरों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन उनकी समस्याओं को हल नहीं करना चाहता है।

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वही दूसरी ओर शुक्रवार को कम्पनी के गेट पर कम्पनी की तरफ़ से एक नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया गया है, जिस पर मजदूरों के पिछले कुछ माह का बकाया भुगतान किये जाने की बात कही गयी है। मजदूरों में इस नोटिस को लेकर खासा रोष है। उनका कहना है कि मिल प्रबंधक सरासर झूठ बोल रहा है, नोटिस पर दर्शाया गया भुगतान नहीं किया गया है।

एकाउंटेट ने रखा कंपनी का पक्ष

कंपनी के लेखाधिकारी एचएस तिवारी ने कंपनी का पक्ष रखते हुए गोलमोल जबाव दिया। उनका कहना था कि यदि कम्पनी कह रही है कि बकाया दे दिया गया है तो इसका मतलब दे दिया गया है, जबकि मजदूरों का कहना था कि कम्पनी के सभी बड़े अधिकारी कम्पनी मालिक की हां में हा मिला रहे हैं और मजदूरों के हक को छीन रहे हैं। 
 










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