फर्रुखाबाद: अस्पताल की लापरवाही से नवजात की मौत, परिजनों ने लगाया आरोप

डीएन ब्यूरो

यूपी के फर्रुखाबाद के जिला अस्पताल में इंसानियत को तार तार करने वाला मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अस्पताल में नवजात की मौत
अस्पताल में नवजात की मौत


फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जनपद के जिला अस्पताल लोहिया महिला (Lohia Mahila District Hospital) में बने एसएनसीयू वार्ड (SNCU Ward) में एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। वार्ड में भर्ती नवजात बच्ची (Newborn Girl ) की तड़प-तड़प कर दर्दनाक मौत (Dead) हो गई। लेकिन स्टाफ का दिल नहीं पसीजा। परिजनों (Family) का आरोप है कि बच्ची के हाथ में लगी वीगो (Vigo) से रात भर खून बहता रहा। लेकिन स्टाफ ने पट्टी तक नहीं बांधी।

जब भी परिजनों ने बच्ची के उपचार के लिए कुछ कहा तो ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने अभद्र से बात की। कलेजे के टुकड़े की मौत के बाद पीड़ित परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (महिला) (CMS) से शिकायत की।

पीड़ित परिजन

जानकारी के अनुसार थाना नबावगंज क्षेत्र के ग्राम गंगलऊ निवासी प्रसूता आरती ने जिला अस्पताल लोहिया महिला में 19 अगस्त को दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। कम दिन के होने की वजह से दोनों जुड़वा बच्चों को अस्पताल के ही एसएनसीयू वार्ड में भर्ती करा दिया। कुछ दिन पहले पुन: बच्चों की हालत बिगड़ गई। जिससे फिर से बच्चों को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया।

पीड़िता 

परिजनों ने लगाया घोर लापरवाही का आरोप
शनिवार को भर्ती बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। वहीं प्रसूता आरती सहित अन्य परिजन सीएमएस महिला अस्पताल डॉक्टर कैलाश दुल्हानी के पास पहुंचे। उन्होंने इलाज में लापरवाही और स्टाफ के द्वारा अभद्रता करने का आरोप लगाया।

अस्पताल प्रशासन से बात करते पीड़ित परिजन

नवजात पर नहीं आयी दया
मृतक शिशु की मां ने बताया कि रात में उनकी बच्ची के वीगो लगाई गई। जिससे लगातार खून बहता रहा। कई बार उन्होंने पट्टी करने को कहा लेकिन किसी ने नहीं सुनी, वह खुद बेटी का हाथ पकड़े रोती रही, लेकिन कोई नहीं आया। जब अन्य परिजन अंदर आते तो स्टाफ अभद्रता कर बाहर भगा देता। आखिरकार उनकी बच्ची की मौत हो गई। वह चाहते हैं, कि इलाज में लापरवाही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई हो। 

सीएमएस डॉक्टर कैलाश दुल्हानी ने बताया कि रात में ड्यूटी पर डॉक्टर सुनील अग्रवाल, स्टाफ नर्स सीमा और पूजा तैनात थी। परिजनों ने इलाज में लापरवाही और अभद्रता का आरोप लगाया है। जांच की जा रही है। लेकिन अभी कोई जांच के लिए कमेटी का गठन नहीं किया है।

लगातार छापे के बाद भी एसएनसीयू वार्ड की व्यवस्था जस की तस 
जब भी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि जिला अस्पताल लोहिया का निरीक्षण करने आता है तो एसएनसीयू वार्ड में या तो अवैध वसूली की शिकायत मिलती है या डॉक्टर नदारद मिलते हैं। लगातार फटकार, कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद भी स्टाफ और एसएनसीयू वार्ड के चिकित्सक अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं ला रहे हैं। जिससे लगता है कि उन्हें महिला अस्पताल के अधीक्षक का पूरा समर्थन प्राप्त है। बीमार बच्चों के तीमारदार से स्टाफ सही से बात नहीं करता है। बाहर से दवाई मंगाई जाने की भी शिकायतें हो चुकी हैं।

वार्ड में तैनात डॉक्टर निजी अस्पताल में करते काम
एसएनसीयू वार्ड मैं तैनात डॉक्टर शिवाशीष उपाध्याय लोहिया अस्पताल के सामने स्थित एक निजी अस्पताल में काम करते हैं। वह कई बार ड्यूटी टाइम पर भी निजी अस्पताल में पाए गए हैं। 

डॉ. खुशबू का खुद का लोहिया अस्पताल के सामने निजी नर्सिंग होम है। इससे जाहिर है कि महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बीमार बच्चों के उपचार में गंभीरता बरतने के बजाय चिकित्सक निजी नर्सिंग होम में ज्यादा समय बिताते हैं।
 










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