Election In Pakistan: पाकिस्तान में इलेक्शन से पहले बढ़ा तनाव, कराची में चुनावी हिंसा से MQMP कार्यकर्ता की मौत
पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनावों से पहले देश के सबसे बड़े शहर कराची में तनाव बढ़ रहा है। राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटखनी देने में जुटे दलों के बीच पहले ही कई बार झड़प हो चुकी हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कराची: पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनावों से पहले देश के सबसे बड़े शहर कराची में तनाव बढ़ रहा है। राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटखनी देने में जुटे दलों के बीच पहले ही कई बार झड़प हो चुकी हैं।
सोमवार को, नाजिमानाड में हिंसक झड़पें हुईं। झड़प के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के कार्यकर्ताओं के साथ हुई गोलीबारी में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम पाकिस्तान) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
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एक दिन पहले रविवार को क्लिफ्टन इलाके में, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की एक चुनावी रैली के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और कार्यकर्ताओं को जबरन तितर-बितर कर दिया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गये।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दक्षिणी प्रांत सिंध, विशेष रूप से पाकिस्तान के आर्थिक केंद्र कराची में सियासी माहौल गर्म है और सभी दल एक दूसरे से जमकर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। कराची पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गढ़ माना जाता है।
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राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, सिंध और कराची में पीपीपी के स्थायी प्रभाव के बावजूद, मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना है।
पीपीपी, एमक्यूएम-पी, पीटीआई, जमात-ए-इस्लामी और कुछ निर्दलीय उम्मीदवार कराची में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का शहर में सीमित प्रभाव है, और वह अन्य प्रांतों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। इस चुनाव में पीएमएल-एन की जीत की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए प्रमुख स्थान क्लिफ्टन के तीन तलवार में रविवार को हुई घटना के दौरान पुलिस ने दावा किया कि पीटीआई ने रेड जोन में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली थी। हालांकि, पार्टी ने कहा कि उसे प्रचार करने के उसके संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है।