NCB के अफसर समीर वानखेड़े पर ED का शिकंजा, धन शोधन का मामला दर्ज किया

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

समीर वानखेड़े पर ED का शिकंजा
समीर वानखेड़े पर ED का शिकंजा


मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

निदेशालय ने मादक पदार्थ संबंधी मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे को बरी करने के लिए उनके परिवार से कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए यह मामला दर्ज किया।

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सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है।

एनसीबी के कुछ पूर्व अधिकारियों को भी तलब किया गया है।

सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर काडर के भारतीय राजस्व सेवा के 2008 बैच के अधिकारी वानखेड़े ने ईडी द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा का अनुरोध करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने एक क्रूज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ आरोप तय नहीं करने के एवज में 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में पिछले वर्ष मई में वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

कॉर्डेलिया क्रूज जहाज से दो अक्टूबर 2021 को कथित रूप से मादक पदार्थ मिलने के मामले में आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई ने एनसीबी की एक शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वतखोरी से संबंधित प्रावधानों के अलावा भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120-बी (आपराधिक साजिश) और 388 (जबरन वसूली के लिए धमकी) के लिए वानखेड़े और अन्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

एनसीबी ने एक वर्ष बाद क्रूज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, लेकिन आर्यन खान को ‘क्लीन चिट’ दे दी गई थी।

इस मामले में नया मोड़ तब आया जब एक ‘स्वतंत्र गवाह’ ने 2021 में आरोप लगाया कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए एनसीबी के एक अधिकारी और गवाह किरण गोसावी सहित अन्य लोगों द्वारा 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी।

एनसीबी ने बाद में वानखेड़े और अन्य के खिलाफ आंतरिक सतर्कता जांच की और उससे मिली जानकारी सीबीआई से साझा की, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।










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