DN Exclusive: आखिर क्या हो रहा है यूपी में? जूथिका पाटणकर के बाद अब विकास गोठलवाल ने किया VRS के लिए आवेदन, क्यों एक के बाद एक IAS छोड़ रहे हैं नौकरी?

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश कैडर में 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास गोठलवाल ने भी वीआरएस के लिए आवेदन किया है। यूपी में हाल के दिनों में वीआरएस लेकर देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा को छोड़ने वाले अफसरों की संख्या बढ़ी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

यूपी में एक के बाद एक IAS ले रहे वीआरएस (फाइल फोटो )
यूपी में एक के बाद एक IAS ले रहे वीआरएस (फाइल फोटो )


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ने वाले आईएएस अफसरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ दिनों पहले ही 1993 बैच के आईएएस अफसर राजीव अग्रवाल ने भी वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी। 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास गोठलवाल के बाद एक और आईएएस अफसर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यूपी में एक के बाद एक आईएएस अफसर आखिर क्यों देश की सबसे बड़ी नौकरी और प्रतिष्ठित सेवा को छोड़कर जा रहे हैं? 

डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास गोठलवाल ने भी वीआरएस के लिए आवेदन किया है। वे भी उन अफसरों की श्रेणी में शामिल हो गये है, जो आईएएस सेवा को छोड़ने की इच्छा रखते हैं।

विकास गोठलवाल से पहले केन्द्रीय सूचना आयोग में सचिव पद पर तैनात 1988 बैच की जूथिका पाटणकर ने भी वीआरएस लेकर आईएएस की नौकरी छोड़ने की इच्छा जतायी।

इससे पहले सितंबर 2019 में 1993 बैच के आईएश अफसर राजीव अग्रवाल ने भी वीआरएस मांगकर नौकरी छोड़ी थी। इलाहाबाद और मुजफ्फरनगर के डीएम रह चुके राजीव अग्रवाल लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे और लखनऊ मेट्रो शुरू करने का श्रेय राजीव अग्रवाल को ही जाता है। यूपी में वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ने वाले अफसरों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है।










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