Delhi: जीटीबी में मरीज की दिनदहाड़े हत्या के बाद भी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे

डीएन ब्यूरो

जीटीबी अस्पताल में दिनदहाड़े हत्या के बाद से दिल्ली के अस्पतालों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिल्ली के अस्पतालों में सुरक्षा इंतजाम लचर
दिल्ली के अस्पतालों में सुरक्षा इंतजाम लचर


नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली स्थित जीटीबी अस्पताल में मरीज की दिनदहाड़े हत्या के बाद भी बुधवार को राजधानी के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता नहीं दिखी। ज्यादातर अस्पतालों के गेट पर मेडल डिटेक्कर नहीं दिखे, सिर्फ सुरक्षा गार्ड डंडा बजाते हुए नजर आए। अस्पताल के प्रवेश गेट पर किसी की भी जांच नहीं की गई। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जीटीबी को छोड़कर किसी भी अस्पताल में गेट व गार्ड के हाथ में मेटल डिटेक्टर नहीं दिखा। कुछ अस्पतालों में तो सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं किए गए थे। दिल्ली के बड़े अस्पतालों की सुरक्षा इंतजामों इंतजामों में बड़ी लापरवाही उजागर हुई। 

पूर्वी दिल्ली का स्वामी दयानंद अस्पताल में मरीजों का दबाव ज्यादा है। एमसीडी का यह अस्पताल जीटीबी अस्पताल से चंद कदमों की दूरी पर है। बावजूद इसके बुधवार को अस्पताल में कहीं भी कुछ खास सुरक्षा नहीं दिखी। अस्पताल में मरीज के साथ तीमारदार और दूसरे लोग बेरोकटोक प्रवेश करते दिखे। मुख्य गेट और आपातकालीन विभाग के बाहर सुरक्षा गार्ड तक दिखाई नहीं पड़े। यही नहीं, मुख्य द्वार पर पार्किंग में बेतरतीब खड़ी गाड़ियों के कारण अव्यवस्था दिखी।

केंद्र सरकार के अस्पताल आरएमएल के मुख्य गेट पर भी आलम यही था।  गार्ड चहलकदमी करते तो दिखे, कहीं भी मेटल डिटेक्टर नहीं लगा था। गॉर्ड भी डंडा लिए इधर-उधर घूमते रहे। आने वाले मरीजों व तीमारदारों से बीच-बीच में यह पूछताछ भी कर रहे थे। लेकिन उनकी नजर अस्पताल में प्रवेश करने वालों पर नहीं थी। किसी से न तो इन्होंने पूछताछ की और न ही किसी का बैग टटोला। 

केंद्र सरकार के इस अस्पताल लेडी हार्डिंग के मुख्य गेट के साथ आपातकालीन विभाग के बाहर सुरक्षा गार्ड दिखाई दिए। इनके पास जांच के लिए कोई उपकरण नहीं था। कुछ गार्ड के पास तीमारदारों को रोकने या हटाने के लिए डटे दिखे।

गौरतलब है कि लोकनायक अस्पताल दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां मरीजों का दबाव ज्यादा रहता है। इसके गायनी विभाग की आपातकालीन विभाग के मुख्य गेट पर कुछ सुरक्षा गार्ड बैठे दिखाई दिए। गार्ड अंदर आने वाले मरीजों व तीमारदार से पूछताछ जरूर कर रहे थे, लेकिन जांच के लिए कोई उपकरण नहीं था। दूसरी तरफ आपातकालीन विभाग के मुख्य द्वार पर कुछ सुरक्षा गार्ड तैनात दिखे। इनके हाथ में डंडे दिखे। वे डंडे के सहारे भीड़ व अंदर-बाहर जा रहे लोगों को इधर-उधर करते दिखे। 










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