Delhi Elections: दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन करेगी AAP? अरविंद केजरीवाल ने कर दिया सब कुछ साफ

दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। इससे पहले इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का कोई गठबंधन नहीं होगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 11 December 2024, 11:40 AM IST
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नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की जारी अटकलों पर पूर्ण रूप से विराम लग गया है। दिल्ली के पूर्व सीएम और 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस और हमारा कोई गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है।"

दरअसल, दावा किया जा रहा था कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर बातचीत करीब फाइनल स्टेज में पहुंचने वाली है। 15 सीट कांग्रेस के हिस्से जा रही है और 1-2 सीटें अन्य इंडिया ब्लॉक की पार्टियों को मिलेंगी। बाकी बची सीटों पर 'आप' चुनाव लड़ेगी। इसपर आप ने कहा कि कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना नहीं है। 'आप' सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "मैं स्पष्ट कर देता हूं कि आने वाला दिल्ली चुनाव हम अपने संगठन की ताकत और अपने राजनीतिक बलबूते पर लड़ेगी। किसी प्रकार का कोई गठबंधन का सवाल ही पैदी नहीं होता।"

उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है AAP

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अब तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पार्टी ने पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से टिकट दिया है। वहीं, पटपड़गंज से अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया है। 

इसके अलावा 'आप' ने नरेला से दिनेश भारद्वाज, तिमारपुर से सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, आदर्श नगर से मुकेश गोयल, मुंडका से जसबीर कारला, मंगोलपुरी से राकेश जाटव धर्मरक्षक, रोहिणी प्रदीप मित्तल, चांदनी चौक से पुनरदीप सिंह साहनी (सेबी), पटेल नगर से प्रवेश रतन, मादीपुर से राखी बिडला, जनकपुरी से प्रवीण कुमार, बिजवासन से सुरेंद्र भारद्वाज, पालम से जोगिंदर सोलंकी को टिकट दिया गया है।

पिछले चुनावों में रहा शानदार प्रदर्शन

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने साल 2015 के दमदार प्रदर्शन को 2020 में भी बरकरार रखा. हालांकि, पार्टी की सीटें कुछ कम तो हुईं फिर भी यह प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई। बता दें कि 'आप' ने साल 2015 में 67 सीटें जीती थीं तो वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में 62 सीटें अपने नाम की थीं।