विश्व भारती विश्वविद्यालय से निलंबित दलित छात्र राष्ट्रीय एससी आयोग का रुख करेगा

डीएन ब्यूरो

विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा अनुशासनात्मक आधार पर एक सेमेस्टर से निलंबित दलित छात्र ने रविवार को कहा कि वह विश्वविद्यालय के इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (एससी) आयोग का रुख करेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

विश्व भारती विश्वविद्यालय
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कोलकाता: विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा अनुशासनात्मक आधार पर एक सेमेस्टर से निलंबित दलित छात्र ने रविवार को कहा कि वह विश्वविद्यालय के इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (एससी) आयोग का रुख करेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता सोमनाथ सो 2018 में कुलपति के पदभार संभालने के बाद से विभिन्न मुद्दों को लेकर कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ प्रदर्शनों में काफी आगे रहे हैं।

विश्वविद्यालय ने 2020 में भी परिसर संबंधी अनुशासन का “उल्लंघन” करने के आरोप में छात्र को निलंबित किया था।

सोमनाथ ने कहा, ‘‘मैं एमए (ग्रामीण प्रबंधन) के तीसरे सेमेस्टर के लिए निलंबित किये जाने के खिलाफ जल्द ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग में जाऊंगा क्योंकि एक दलित छात्र के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर पाबंदी लगाई गई है।’’

सोमनाथ के खिलाफ यह कार्रवाई 27 जुलाई को उनकी 28 जनवरी की उस फेसबुक पोस्ट को लेकर की गई जिसमें उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और विश्व भारती के बीच भूमि स्वामित्व मुद्दे को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं।

सोमनाथ को जारी कारण बताओ नोटिस में विश्वविद्यालय ने कहा था कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के समर्थन में उनका फेसबुक पोस्ट “झूठी और भ्रामक जानकारी से भरा था, जो आधिकारिक रिकॉर्ड और विश्व भारती की आधिकारिक स्थिति के विपरीत था।

इस नोटिस में कहा गया कि उनकी पोस्ट का उद्देश्य एक संस्था के रूप में विश्वभारती और इसके पदाधिकारियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को बदनाम करना, मानहानि करना और अपमान करना था।










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