

उच्चतम न्यायालय ने जनगणना में हर घर से लापता लोगों का विवरण शामिल करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने जनगणना में हर घर से लापता लोगों का विवरण शामिल करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि याचिका में मांगी गई राहत नीतिगत मामले से संबंधित है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम कैसे इसमें कुछ भी शामिल करने का निर्देश दे सकते हैं। यह नीतिगत मामला है। न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं है। खारिज किया जाता है।’’
न्यायालय ‘सोशल एंड एवेंजेलिकर एसोसिएशन फॉर लव’ (एसईएएल) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें आगामी जनगणना में प्रत्येक घर से लापता लोगों का विवरण देने से जुड़ा एक प्रश्न जोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
याचिका में पुलिस को भारत भर में मिले अज्ञात शवों के विवरण तथा जैविक नमूने प्राप्त करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया, ताकि उसकी फोरेंसिक व डीएनए प्रोफाइलिंग की जा सके और रिश्तेदारों के नमूनों के साथ उनका मिलान हो पाए।
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