हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने उपमुख्यमंत्री चौटाला पर साधा निशाना
हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई जब कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर उसके विधायक के खिलाफ आरोप लगाने को लेकर निशाना साधा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई जब कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर उसके विधायक के खिलाफ आरोप लगाने को लेकर निशाना साधा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस मामले की जांच करेंगे। यौन उत्पीड़न मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किए गए जींद के स्कूल प्रधानाध्यापक को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में चौटाला और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
चौटाला ने शुक्रवार को सदन में कहा कि आरोपी प्रधानाध्यापक पर 2005 और 2011 में भी इसी तरह के आरोप लगे थे, लेकिन उन्होंने 2011 में भुक्कल के झज्जर स्थित आवास पर ‘‘समझौता’’ कर लिया था ताकि प्राथमिकी दर्ज ना हो। चौटाला ने कहा कि उस समय भुक्कल हरियाणा में कांग्रेस नीत सरकार में शिक्षा मंत्री थीं। भुक्कल ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया।
सोमवार को, दुष्यंत ने विधानसभा को बताया कि वह अपने बयान में एक संशोधन करना चाहते हैं और कहा कि उन्होंने जो समय 2011 बताया था वह वास्तव में 2012 था, जबकि उनके बाकी आरोप वही हैं।
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जवाब में भुक्कल ने कहा कि वह एक लिखित बयान देना चाहती हैं। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने का निर्णय लिया गया है।
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने ‘‘कांग्रेस सदस्य के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप लगाए हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कि भुक्कल पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
हुड्डा ने आरोपों की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने के अनुरोध के प्रस्तावित कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अध्यक्ष और राज्य सरकार जांच करा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा की कार्यवाही को उच्च न्यायालय की जांच के अधीन नहीं किया जाना चाहिए।’’
अध्यक्ष ने दोहराया कि यह फैसला सदन ने लिया है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद सच्चाई सामने आ जायेगी। मामले पर चर्चा जारी रहने पर गुप्ता ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही 15 मिनट बाद जब दोबारा शुरू हुई तो भोजनावकाश की घोषणा कर दी गई। अवकाश के बाद सदन ने एक अलग विषय पर चर्चा की।
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स्थगन से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस मुद्दे पर शुक्रवार को काफी चर्चा हुई और सदन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने का निर्णय लिया गया। खट्टर ने कहा कि गृह विभाग जांच के लिए उच्च न्यायालय को पत्र लिखेगा।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए हैं, जांच से चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। विपक्ष की ओर इशारा करते हुए खट्टर ने कहा, ‘‘अगर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राज्य सरकार के अनुरोध को अस्वीकार कर देते हैं, तो हम दूसरे विकल्प के बारे में सोच सकते हैं।’’
कांग्रेस विधायक बी बी बत्रा ने कहा कि विधानसभा मामले का फैसला केवल सदन द्वारा किया जाना चाहिए, न कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा।