महराजगंज: जितेन्द्र सिंह ने बनाया दबाव, अख्तर फिर बने कांग्रेस प्रत्याशी
डाइनामाइट न्यूज़ पर एक बार फिर महराजगंज पालिका चुनाव से जुड़ी सबसे बड़ी खबर है। चुनाव चिन्ह आवंटन में अब कुछ ही घंटे शेष बचे हैं लेकिन राजनीतिक उठापटक जारी है। जो जिस पर भारी पड़ रहा है वह अपने विपक्षी को पटक रहा है।
महराजगंज: कांग्रेस ने कल अचानक महराजंगज नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर अपने घोषित उम्मीदवार का टिकट काटकर हड़कंप मचा दिया था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने पुराने नेता अख्तर अब्बासी का टिकट काटकर उनकी जगह युवा चेहरे अकील अहमद को टिकट दे दिया था।
यह भी पढ़ें: महराजगंज में कांग्रेस ने अंतिम क्षणों में बदला प्रत्याशी, मचा हड़कंप
यह भी पढ़ें: महराजगंज: कृष्ण गोपाल ने सांसद की मौजूदगी में भरा पर्चा, बागी राजेश ने बढ़ायी मुसीबत
यह भी पढ़ें |
महराजगंज में कांग्रेस ने अंतिम क्षणों में बदला प्रत्याशी, मचा हड़कंप
इससे जिले की कांग्रेसी राजनीति में हड़कंप मच गया था। यही नही पालिका चुनाव के समीकरण पर भी इसके पड़ने वाले असर पर चर्चा शुरु हो गयी थी कि इसी बीच आज एक और बदलाव देखने को मिला। जिले की कांग्रेसी राजनीति के धुरंधर पूर्व सांसद जितेन्द्र सिंह ने इसे अपने लिए चुनौती माना और न सिर्फ नेतृत्व पर दबाव बनाकर अपने चहेते अख्तर को टिकट दिलाया बल्कि अपने बेहद खास जिलाध्यक्ष आलोक प्रसाद के अधिकार भी पुन: बहाल करा दिया। इन दोनों आदेशों की एक्सक्लूसिव कापी डाइनामाइट न्यूज़ के पास है।
अब निगाहें प्रशासन पर, किसे मिलेगा पंजा सिंबल?
डाइनामाइट न्यूज़ ने अचानक हुए इस घटनाक्रम के बारे में जिले के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से बात की और पूछा कि अब बदले घटना क्रम में रिटर्निंग अधिकारी का निर्णय क्या होगा? किसे पंजा सिम्बल मिलेगा.. अख्तर अब्बासी को या अकील अहमद को? इस पर इस अधिकारी ने कहा यह अब पेचीदा विषय हो गया है। इस पर आयोग के निर्देशानुसार ही कोई निर्णय होगा। यहां यह देखना अहम होगा कि किसने कब फार्म 7अ और 7ख जमा किया है। नामांकन समाप्त होने की टाइमिंग निर्णय में काफी अहम रोल निभायेगी।
दो मुसलमानों की लड़ाई में फायदा कहीं तीसरे को तो नही?
यह भी पढ़ें |
महराजगंज निकाय चुनाव में नया मोड़: श्रवण पटेल के दबाव में पुराने बसपाई निष्कासित
शहर भर में इस समय सिर्फ एक ही चर्चा हो रही है कि कांग्रेसियों की आपसी कलह में दो मुसलमान आपस में ही लड़ रहे हैं इससे कहीं किसी तीसरे उम्मीदवार को तो फायदा नही होगा? यदि दोनों मुस्लिम उम्मीदवार लड़ेंगे तो फिर इसका नुकसान कांग्रेस को अवश्य होगा लेकिन सबसे बड़ा सवाल इसका फायदा किस उम्मीदवार को होगा?
पिछला चुनाव कांग्रेस ने ही जीता था
जो लोग इस गलतफहमी में है कि शहर में कांग्रेस का कोई जनाधार नही है.. वे मुगालते में है। शहर के नगर पालिका अध्यक्ष का 2012 का पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी रीता भारती ने भाजपा प्रत्याशी मेवालाल को हराकर जीता था।
(डाइनामाइट न्यूज़ पर आपको महराजगंज नगर पालिका चुनाव से जुड़ी हर एक खबर सबसे पहले मिलेगी। नि:शुल्क मोबाइल एप डाउनलोड करने के लिए 9999 450 888 पर मिस्ड काल करें)