गुजरात में हथियार बरामद होने के मामले में सह-साजिशकर्ता को 10 साल की जेल

डीएन ब्यूरो

गुजरात के पाटन में 22 साल पहले बड़ी मात्रा में हथियार बरामद होने से संबंधित मामले में अहमदाबाद की विशेष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने मंगलवार को आतंकवादी आफताब अंसारी के सह-साजिशकर्ता को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अदालत  (फाइल)
अदालत (फाइल)


नई दिल्ली: गुजरात के पाटन में 22 साल पहले बड़ी मात्रा में हथियार बरामद होने से संबंधित मामले में अहमदाबाद की विशेष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने मंगलवार को आतंकवादी आफताब अंसारी के सह-साजिशकर्ता को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सह-साजिशकर्ता अख्तर हुसैन बशीर अहमद 26-27 अक्टूबर 2001 की मध्यरात्रि हथियार बरामद होने के बाद कथित रूप से भूमिगत हो गया था और 11 साल बाद 30 मई 2012 को उसने एक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।

सीबीआई ने पाटन जिले में एक संदूक जब्त कर 14 किलोग्राम आरडीएक्स, चार किलोग्राम प्लास्टिक विस्फोटक, दो एके-47 राइफल, चार एके-56, दो पिस्तौल, दो राइफल, एक रेडियो सेट, भरी हुईं मैग्जीन, रिमोट कंट्रोल उपकरण, 500 कारतूस, पिस्तौल की 250 गोलियां, डेटोनेटर और टाइमर समेत भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किए थे।

यह भी पढ़ें | बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले में सीबीआई ने तीन रेलकर्मियों को गिरफ्तार किया

सीबीआई ने 29 अक्टूबर 2001 को मामले की जांच अपने हाथ में ली थी, जिसके बाद कोलकाता में अमेरिकन सेंटर पर हमले के सरगना आफताब अंसारी समेत चार लोगों को दोषी करार दिया गया था। अंसारी को 2002 में दुबई से देश लाया गया था। पाकिस्तानी नागरिक आदम चीमा मामले में फरार है।

विशेष न्यायाधीश सी. जी. मेहता ने सोमवार को अहमद को दोषी ठहराया और मंगलवार को सजा सुनाई।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अख्तर हुसैन बशीर अहमद जांच के दौरान फरार था। उसने 30 मई 2012 को अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उक्त आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया गया था।'

यह भी पढ़ें | अदालत ने सिख विरोधी दंगों के मामले में टाइटलर के खिलाफ सीबीआई के आरोपपत्र का संज्ञान लिया

एजेंसी ने आठ नवंबर 2012 को अहमद के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था।

 










संबंधित समाचार