Chhattisgarh: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड का खुला राज, जानिए पुलिस का खुलाशा
छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में गुत्थी सुलझती जा रही है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान उसके अपने चचेरे भाई रितेश चंद्राकर के रूप में की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बस्तर आईजी के अनसार एक जनवरी को रात लगभग आठ बजे मुकेश और रितेश के बीच फोन में बात हुई थी। इसके बाद दोनों चट्टान पारा स्थित बाड़ा में मिले। यहां सड़क मामले को लेकर दोनों के बीच बहस हुई।
घटना के बाद रितेश चंद्राकर रायपुर होते हुए दिल्ली भाग गया। रायपुर लौटने के बाद रायपुर एयरपोर्ट से रितेश को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले को लेकर 11 सदस्य की एक विशेष टीम गठित की गई, जो पूरे मामले की जांच कर रही है।
ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की तलाश की जा रही है। हत्या के मामले में आरोपी रितेश चंद्राकर, महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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इस बीच महेंद्र रामटेके ने मुकेश पर रॉड से पीछे से हमला कर दिया फिर लगातार हमला किया। 20 मिनट में ही मुकेश की मौत हो गई थी।
मुकेश ने हाल ही में बस्तर क्षेत्र में गंगालूर से हिरोली तक 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। मुकेश चंद्राकर अपनी खोजी रिपोर्टों के लिए जाने जाते थे।
इस परियोजना का शुरुआती टेंडर 50 करोड़ रुपये था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 120 करोड़ रुपये कर दिया गया। परियोजना का काम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के पास था। मुकेश के खुलासे के बाद राज्य सरकार ने जांच शुरू की, जिससे क्षेत्र के ठेकेदार लॉबी में हलचल मच गई।
सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने कथित तौर पर 1 जनवरी की रात को मुकेश के साथ ठेकेदार की मीटिंग तय की थी। मीटिंग के बाद, मुकेश का फोन ऑफ हो गया और उसके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने उसे लापता बता दिया।
पत्रकार का शव दो दिन बाद चट्टनपारा में सुरेश की एक प्रॉपर्टी पर स्थित सेप्टिक टैंक में मिला, जहां उसे आखिरी बार देखा गया था। पुलिस ने रितेश और परिवार के एक अन्य सदस्य दिनेश चंद्राकर सहित तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, भ्रष्टाचार के केंद्र में आया ठेकेदार सुरेश अभी भी फरार है।
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुकेश और रितेश के बीच अच्छी दोस्ती रही है। वे अक्सर उस प्रॉपर्टी पर मिलते थे जहां पत्रकार का शव मिला था। दोनों की अच्छी दोस्ती के बावजूद, सड़क परियोजना में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले मुकेश के काम से रिश्तों में कड़वाहट आ गई। हालांकि, मुकेश के परिवार को कोई सीधी धमकी नहीं दी गई थी।
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