Chaitra Navratri 2025: आदि शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, जानिए क्या है मंदिर का महत्व

डीएन ब्यूरो

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सोनभद्र के आदि शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर

नवरात्रि के पहले दिन मंदिर में भक्तों की भीड़
नवरात्रि के पहले दिन मंदिर में भक्तों की भीड़


सोनभद्र: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सोनभद्र के अंतिम छोर पर स्थित आदि शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर के कपाट सुबह चार बजे खुलने से पहले ही दूर-दूर से आए श्रद्धालु माता रानी के दर्शन के लिए एकत्र हो गए थे। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है, जो कुल पांच राज्यों—उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। ऐसे में इन सभी राज्यों से बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति देखी गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हर वर्ष की तरह ही इस साल भी चैत्र नवरात्रि के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया गया है, जो लगभग एक माह तक चलेगा। यह मेला क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है और यहां विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

यह भी पढ़ें | Chaitra Navratri 2025: कब है अंतिम कन्या पूजा 6 या 7 अप्रैल ? जानिये कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

मंदिर के महंत श्लोकी मिश्रा ने बताया कि उनकी 15वीं पीढ़ी माता रानी की सेवा में समर्पित हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि आठ दिनों का है। महंत ने मंदिर की विशेषता बताते हुए कहा कि यह वही स्थान है जहां माता रानी की जिह्वा का अग्र भाग गिरा था। इस कारण इस स्थान को विशेष शक्ति स्थल माना जाता है और भक्तगण यहां अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की आशा लेकर आते हैं।

भक्तों की अटूट श्रद्धा

यह भी पढ़ें | Chaitra Navratri 2025: कलश स्थापना के समय जरूर रखें इन चीजों का ध्यान, देखिए पूजा की पूरी सामग्री लिस्ट

मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि वे वर्षों से यहां आ रहे हैं। भक्तों का मानना है कि जो भी माता रानी के दरबार में सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी इच्छाएं माता अवश्य पूरी करती हैं। यही कारण है कि हर वर्ष यहां हजारों की संख्या में भक्त माता रानी के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने आते हैं। 

चैत्र नवरात्रि के अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है, जिससे भक्तों की भक्ति और उल्लास और भी अधिक बढ़ गया है।










संबंधित समाचार