सहायक प्रोफेसर को 'आत्महत्या के लिए उकसाने’ के आरोप में दो व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

डीएन ब्यूरो

पौड़ी जिले के श्रीनगर के निकट घुड़दौड़ी में स्थित गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक सहित दो पदाधिकारियों के विरूद्ध एक सहायक प्रोफेसर का मानसिक उत्पीड़न करके उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

मामला दर्ज (फाइल)
मामला दर्ज (फाइल)


पौड़ी: जिले के श्रीनगर के निकट घुड़दौड़ी में स्थित गोविंद बल्लभ पंत इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक सहित दो पदाधिकारियों के विरूद्ध एक सहायक प्रोफेसर का मानसिक उत्पीड़न करके उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

श्रीनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी श्यामदत्त नौटियाल ने बताया कि संस्थान के निदेशक यशवीर सिंह तथा इलैक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष ए के गौतम के खिलाफ 26 मई को मामला दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि मृतका मनीषा भट्ट के पति संदीप भट्ट ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सहायक प्रोफेसर का इतना मानसिक उत्पीड़न किया गया कि उसने अलकनंदा नदी में छलांग लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।

नौटियाल ने बताया कि भट्ट ने 25 मई को अलकनंदा नदी में छलांग लगाई थी। सूचना मिलने पर पहुंचे राज्य आपदा प्रतिवादन बल ने उसे बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी।

मामले की जांच कर रहे निरीक्षक महेश रावत ने बताया कि भट्ट की मृत्यु के बाद पुलिस ने सिंह और गौतम के खिलाफ भारतीय दंड संहित की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया ।

उन्होंने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद संस्थान ने दोनों आरोपियों को पदमुक्त कर दिया।

सिंह की जगह वी एन काला को संस्थान का नया निदेशक बनाया गया है जबकि राजेश कुमार ने गौतम का स्थान लिया है ।

नौटियाल ने बताया कि मामले से संबंधित अहम दस्तावेज मनीषा भट्ट के घर और मकान से एकत्र कर लिए गए हैं जब​कि संस्थान के शिक्षकों तथा कर्मचारियों के बयान भी ​ले लिए गए हैं।

इस बीच, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने पौड़ी की पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे को पत्र लिखकर सिंह और गौतम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।

अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) ने भी मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। आइसा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पौड़ी की पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और मुख्यमंत्री को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा ।

 










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