Breaking: BJP के विधायकों का बवाल, मांगा CM का इस्तीफा

भारत के मणिपुर में भाजपा विधायकों ने सीएम सोरेन के इस्तीफे की मांग की है। यह मामला मणिपुर हिंसा से जुड़ा हुआ है। ज्यादा जानकारी के लिये पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 August 2024, 11:04 AM IST
google-preferred

मणिपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाद मणिपुर में बीजेपी (BJP) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बीजेपी के ही 7 विधायकों ने अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की मांग की है। साथ ही विधायकों ने सीएम (CM) को कुर्सी से हटाने तक की बात कही है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक मणिपुर (Manipur) में भाजपा विधायकों ने राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह (Biren Singh) के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। 10 कूकी विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह पर गंभीर आरोप लगते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इन 10 विधायकों में विधायक सत्तारूढ़ दल बीजेपी के ही हैं।

सीएम ने दी नरसंहार की खुली छूट
विधायकों ने कहा कि मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) की जांच के लिये आयोग का गठन किया जाना चाहिए। अगर सीएम बीरेन इसमें दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफी भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

विधायकों ने ज्वॉइंट स्टेटमेंट (Joint Statement) जारी करते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा में सीएम बीरेन की भूमिका भी थी। उन्होंने मैतेई समुदाय को नरसंहार की खुली छूट दी थी, जिसके चलते मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी।

अमित शाह ने लगाई थी फटकार 
विधायकों ने मणिपुर टेप्स के नाम से एक ऑडियो भी रिलीज किया है। विधायकों का दावा है कि सीएम बीरेन की लापरवाही के कारण मणिपुर हिंसा ने तूल पकड़ा था। अमित शाह ने भी मणिपुर दौरे के दौरान सीएम बीरेन सिंह को फटकार लगाई थी। गृह मंत्री ने हिंसा के दौरान बम का इस्तेमाल करने से मना किया था। मगर अमित शाह (Amit Shah) के जाते ही सीएम बीरेन ने जनता पर जमकर बम बरसाए थे।

ऑडियो टेप
विधायकों के अनुसार मणिपुर हिंसा में 5000 हथियार पुलिस बल से लूटे गए थे। इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इन हथियारों की मदद से हिंसा को हवा दी गई। इन्हीं सबूतों के आधार पर विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह से इस्तीफे की भी मांग की है।

हालांकि मणिपुर सरकार ने विधायकों के ऑडियो टेप को फर्जी बताया है। राज्य सरकार (State Government) का कहना है कि यह टेप फर्जी है। विधायकों ने ऐसी कोई मांग नहीं की है। यह महज एक अफवाह है।