रायबरेली: भाजपा विधायक का दावा- फर्जी तरीके से बनवा ली थी आतंकी संगठन के शख्श ने आईडी, जाने क्या है पूरा मामला

डीएन संवाददाता

रायबरेली के सलोन विकासखण्ड में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में एटीएस की जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा सामने आया है। विधानसभा सलोन के भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी की दखलअंदाजी के बाद इस फर्जीवाडे की जांच एटीएस को सौंप दी गई थी ।

फर्जी आईडी बनाने वाला कैफे संचालक जीशान खान
फर्जी आईडी बनाने वाला कैफे संचालक जीशान खान


रायबरेली: जनपद के सलोन ब्लॉक में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में एटीएस की जांच में हैरान कर देने वाला खुलासा सामने आया है। सलोन से भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी की दखलअंदाजी के बाद इस फर्जीवाडे की जांच एटीएस को सौंप गई थी ।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक अशोक कुमार कोरी ने बताया कि करीब 6 महीने पहले केरल में आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया ( पीएफआई ) के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसका पहचान पत्र रायबरेली के दौरान ब्लॉक के पाल्हीपुर गांव में बना मिला। इसके बाद जांच एजेंसी की जांच की दिशा बदल गई। विधायक ने बताया कि केरल पुलिस और सुरक्षा एजेंसी ने यूपी पुलिस से संपर्क किया। जांच टीम एक हफ्ते पहले केरल से पहुंची। यहां के स्थानीय प्रशासन संपर्क कर पालहीपुर गांव पहुंचे। यहां ग्राम विकास अधिकारी नित्यानंद राय से मुलाकात कर जानकारी ली तब मालूम पड़ा के नित्यानंद राय को इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने दस्तावेज चेक किया तो होश उड़ गए। जांच में सामने आया की पहचान पत्र एक महीने पहले तक उस गांव में तैनात रहे ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव ने जारी किया था। इसके बाद पुलिस विजय यादव तक पहुंची।

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गौरतलब है कि ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से 19184 फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए। सुरक्षा एजेंसियों ने सबसे पहले आईपी एड्रेस का पता किया, जहां से प्रमाण पत्र बना। यह एक जन सेवा केंद्र का निकला, जो कि सालोन में मौजूद है। पुलिस ने उसके संचालक को उठा लिया। दस्तावेज खंगाला गया तो उसके पास ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव का सीयूजी नंबर और उनके डिजिटल साइन का आईडी पासवर्ड मिला। इसके बाद पुलिस ने विजय यादव को हिरासत में ले लिया।

विधायक के मुताबिक जांच करने पर पता चला कि विजय यादव की आईडी से लगभग 20000 फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए थे। इसमें ज्यादातर जन्म प्रमाण पत्र थे जो 5 हजार रुपये में बनाए गए थे। मामला देश की सुरक्षा से जुड़ने के बाद पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई। इसके बाद ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव, साइबर कैफे संचालक जीशान खान, पिता रियाज खान, जीशान के परिवार के अन्य सदस्य को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। केरल की टीम ने दो दिन तक यहां जांच की तब 20 हजार फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सामने आया तो उन्हें प्रदेश सरकार को सूचित किया। रायबरेली के जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, एसपी अभिषेक अग्रवाल को मामले की जानकारी दी गई। इसके बाद एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी, आईजी रेंज प्रशांत कुमार, जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने मामले की गंभीरता को समझा। मामले की जांच एटीएस को सौंप दी गई।

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विधायक अशोक कुमार कोरी ने बताया कि वह 18 साल तक एयर इंडिया के सिक्योरिटी ऑफिसर रहे हैं। ऐसे में उन्हें मामले की गंभीरता का पता था। उन्होंने इसके लिए डीएम, एसपी, एडीएम और दूसरे अधिकारियों से बात की, लेकिन किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उनका आरोप है की ब्लॉक प्रशासन ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय और दूसरे उच्च अधिकारी को जानकरी देने के बाद मामले में तेजी आई और एटीएस ने जांच शुरू की। भाजपा विधायक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी को बचाने के लिए स्थानीय महकमा सक्रिय हो गया था। हालांकि उनके दबाव बनाने के बाद सहायक विकास अधिकारी जितेंद्र सिंह की तहरीर पर ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव समेत तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।

विजय यादव को निलंबित कर विभाग की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। जांच में ग्राम पंचायत सिरफिरा, लुहेरेपुर, नूरुद्दीनपुर, गोपालपुर उर्फ अनन्तपुर और गढ़ी इस्लामनगर में वर्ष 2023 में अनियमित तरीके से प्रमाण पत्र जारी किए जाने की भी पुष्टि हुई है। इन सभी गांव में ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव तैनात रहा। विधायक ने यह भी बताया कि पुलिस अफसर को मैंने बताया कि जीशान को यदि नहीं पकड़ा गया तो वह देश छोड़कर भाग जाता। इसके पास वीजा पासपोर्ट भी है, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ घंटे थाने बैठने के बाद शांति भंग में चालान किया। एसडीएम कोर्ट से उसे तुरंत जमानत दे दी गई। ऐसे में एसडीएम से लेकर अन्य अधिकारियों की भूमिका भी शक के घेरे में है।










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