जीएसटीएटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों की आयु सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित

डीएन ब्यूरो

लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आयु सीमा बढ़ाने के प्रावधान वाले केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 को मंगलवार को मंजूरी दे दी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

आयु सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित
आयु सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित


नयी दिल्ली: लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आयु सीमा बढ़ाने के प्रावधान वाले केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 को मंगलवार को मंजूरी दे दी।

निचले सदन ने विधेयक पर हुई चर्चा का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जवाब दिये जाने के बाद ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया। उन्होंने चर्चा के दौरान विभिन्न सदस्यों की ओर से पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए कहा कि करदाताओं को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में अपने लंबित मुकदमों को अपीलीय न्यायाधिकरण में लाने की छूट प्रदान की गयी है।

उन्होंने जीएसटी की दर को युक्तिसंगत बनाये जाने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री के बदलने के कारण जीएसटी परिषद को पुनर्गठित किया जाना शेष है और यह मसला मंत्रियों के समूह (जीआएम) के पास है।

इस विधेयक में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आयु सीमा क्रमशः बढ़ाकर 70 वर्ष और 67 वर्ष करने के प्रावधान किये गये हैं। अभी यह आयु सीमा क्रमश: 67 वर्ष और 65 वर्ष है।

अपीलीय न्यायाधिकरण में अप्रत्यक्ष करों से संबंधित मामलों में मुकदमेबाजी में 10 साल का 'पर्याप्त अनुभव' रखने वाला एक वकील जीएसटीएटी के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त होने के लिए पात्र होगा।

संशोधन के अनुसार, जीएसटीएटी के अध्यक्ष और न्यायिक एवं तकनीकी सदस्य चार साल तक या क्रमशः 70 वर्ष और 67 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) पद पर बने रहेंगे।

सरकार की ओर से पहले अधिसूचित नियमों में जीएसटीएटी के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आयु सीमा क्रमशः 67 वर्ष और 65 वर्ष निर्धारित की गई थी।

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सीतारमण की अध्यक्षता और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद ने अक्टूबर में आयु मानदंड में बदलाव को मंजूरी दी थी।

संशोधित विधेयक के कानून बनने के बाद, जीएसटीएटी के अध्यक्ष और सदस्यों को क्रमशः 70 और 67 वर्ष की आयु सीमा तक दो साल की अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति मिल सकेगी।

संसद ने मार्च में जीएसटी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी थी, जिससे केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) का गठन संभव हो सका। इसके बाद, जीएसटीएटी को 31 जुलाई को अधिसूचित किया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस सरकार में और आजादी के बाद देश में सबसे बड़ा परिवर्तन जीएसटी का है।

उन्होंने कांग्रेस का नाम लिये बिना विपक्षी दल पर इतने सालों तक जीएसटी नहीं लाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक छोटा लगता है लेकिन बड़ा असरदार है।

बीजू जनता दल की शर्मिष्ठा सेठी ने कहा कि जीएसटी ने पिछले छह साल में कर संग्रह आसान बनाया है, लेकिन इस बाबत और बहुत काम करने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर कुछ चिंताएं हैं और सरकार से अनुरोध है कि राज्यों का जीएसटी बकाया समय पर दिया जाए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शिवसेना के धैर्यशील माने ने कहा कि जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 109 में संशोधन से जीएसटी विवाद समाधान तंत्र मजबूत होगा और जीएसटीएटी का काम सुचारू तरीके से होगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी संबंधित विवादों का तेजी से समाधान हो सकेगा।

भाजपा के शंकर लालवाणी ने इंदौर में न्यायाधिकरण की पीठ बनाने की मांग की।

वाईएसआर कांग्रेस के श्रीकृष्णा देवरायालू लावू ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।










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