

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इफ्तार पार्टी का आयोजन कर विपक्ष की मुश्किलें और बढ़ा दी है। क्या है पूरी खबर पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के कई प्रमुख नेताओं और समाज के अन्य वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया।
डायनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में रोजेदारों ने इसमें हिस्सा लिया। इफ्तार पार्टी में कैमरे और मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, ताकि कार्यक्रम की गोपनीयता बनी रहे।
मुस्लिम समुदाय के विकास पर जोर
इस इफ्तार में पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने साफ किया कि प्रशांत किशोर का जाना अब पुरानी बात हो गई है। मोनाजिर ने यह भी कहा कि अगर नीतीश कुमार बुलाएंगे तो वे जेडीयू में वापसी पर विचार करेंगे।
मुस्लिम समर्थन दिखाने की कोशिश
नीतीश कुमार के इस आयोजन का मकसद यह संदेश देना था कि मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा तबका अब भी उनके साथ है। इससे पहले लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव के जरिए MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण को मजबूत करने की कोशिश के संकेत मिले थे।
जदयू ने विरोधी पत्र को फर्जी बताया
इस कार्यक्रम के विरोध में कुछ मुस्लिम संगठनों की ओर से जारी पत्र को जदयू और भाजपा ने साजिश बताया। जदयू एमएलसी खालिद अनवर ने पत्र को फर्जी और राजनीति से प्रेरित बताया। भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि MY समीकरण को अपनी ताकत मानकर राजद मुस्लिम समुदाय में खुद को कमजोर कर रहा है।