कोरोना वायरस को लेकर सामने आई बड़ी स्टडी, पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट
अनुसंधानकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से दक्षिण अमेरिका में प्रमुख रूप से पाये जाने वाले लामा पशु में नैनोबॉडी या सूक्ष्म एंटीबॉडी का पता लगाने और उन्हें निकालने का एक सस्ता तरीका बताया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: अनुसंधानकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से दक्षिण अमेरिका में प्रमुख रूप से पाये जाने वाले लामा पशु में नैनोबॉडी या सूक्ष्म एंटीबॉडी का पता लगाने और उन्हें निकालने का एक सस्ता तरीका बताया है।
रॉकफेलर विश्वविद्यालय, अमेरिका के निष्कर्ष दुनियाभर में वैज्ञानिकों के लिए सार्स-सीओवी-2 या अन्य वायरस को आसानी से लक्षित करने के लिए नैनोबॉडी का पता लगाने में मददगार हो सकते हैं।
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‘बायलॉजिकल केमिस्ट्री’ पत्रिका में ये परिणाम प्रकाशित किये गये हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार कोविड अब तक नियंत्रण में नहीं है। वायरस के लगातार उत्परिवर्तन के कारण यह बना हुआ है और टीकों, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी एवं एंटीवायरल आदि के बावजूद यह नियंत्रण से बाहर है।
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रॉकफेलर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक माइकल पी राउट ने कहा, ‘‘कोविड स्पष्ट रूप से अगले कुछ समय के लिए समस्या रहने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा तरीका बिल्कुल सीधा है और मौजूदा तकनीकों से कम महंगा है।’’