सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी सरकार को मदरसों से जुड़े इस मामले पर झटका

डीएन ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट पर आधारित उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूल में भेजने के निर्देश दिये गये थे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत ने सोमवार को एक बड़ा फैसला देते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) की सिफारिश (NCPCR) पर आधारित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrase) के सभी छात्रों (Students) को सरकारी स्कूलों (Govt. Schools) में ट्रांसफर करने के आदेश को गलत बताते हुए इस पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मदरसों से गैर मुस्लिम छात्रों को हटाने के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का यह फैसला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और त्रिपुरा (Tripura) सरकार के लिये बड़ा झटका है।

मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए NCPCR की सिफारिश पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। 

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है और चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आरटीई का पालन नहीं करने वाले मदरसों को भी राज्य से मिलने वाली फंडिंग नहीं रुकेगी। 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका

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इस मामले को लेकर मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 

वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट से की रोक की अपील

कोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की सिफारिश पर कुछ राज्यों की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की जरूरत है। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने दलील दी कि एनसीपीसीआर के पत्र और उत्तर प्रदेश व त्रिपुरा समेत कुछ राज्यों की कार्रवाइयों पर रोक लगाई जानी चाहिए।

उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार को झटका

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मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों और सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम छात्रों को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर करने के निर्देश वाले फैसले पर रोक लगा दी। इसके साथ ही शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन न करने के कारण सरकारी अनुदान प्राप्त/सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने की एनसीपीसीआर की सिफारिश और केंद्र तथा राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि एनसीपीसीआर द्वारा सात जून और 25 जून को जारी किए गए 27 जून तक के आदेश पर रोक लगाई जाती है और इसके बाद उठाए गए सभी कदमों पर रोक लगाई जाती है।










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