Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी का ज़हरीला कचरा पीथमपुर ले जाने पर हुआ बवाल, विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट की शिफ्टिंग के खिलाफ पीथमपुर में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 January 2025, 1:39 PM IST
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पीथमपुर: देश और दुनिया को झकझोरने वाले भोपाल गैस त्रासदी से मिले घाव 40 साल बाद एक बार फिर हरे हो गये हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट की शिफ्टिंग के खिलाफ धार के पीथमपुर में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, धार जिले के पीथमपुर में शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आये। ये लोग खतरनाक अपशिष्टों को ले जाने वाले कंटेनरों को वापस भेजने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में स्कूली बच्चों से लेकर युवा, पुरुष और महिलाएं शामिल हैं। स्कूली बच्चे हाथों में विरोध की तख्तियां लिये यूनियन कार्बेड हाय-हाय के नारे लगा रहे हैं। 

'जहरीले कचरे के कंटेनर्स को वापस भेजें'

प्रदर्शनकारियों में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता संदीप रघुवंशी ने कहा, हमारा राज्य सरकार से एक ही अनुरोध है कि जहरीले कचरे के कंटेनर पीथमपुर से वापस भेजे जाएं। जब तक भोपाल से लाए गए जहरीले कचरे के कंटेनर्स को यहां से वापस नहीं भेजा जाता, तब तक महाराणा प्रताप की प्रतिमा के नीचे हमारा धरना जारी रहेगा।

'बंद' का किया आह्वान 

पीथमपुरा के स्थानीय लोगों ने भी 'बंद' का आह्वान किया और जहरीले कचरे को जलाने के विरोध में अपनी दुकानें बंद रखीं हैं। दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक आपदा "भोपाल गैस त्रासदी" के चार दशक बाद, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री साइट से जहरीले अपशिष्ट पदार्थों को सुरक्षित निपटान के लिए 1 जनवरी की रात को कई कंटेनर्स को पीथमपुर के लिये रवाना किया गया। लोगों की आशंका है, ये जहरीला कचरा फिर किसी त्रासदी का कारण बन सकता है। 

1984 में हुआ था दर्दनाक हादसा

बता कें 1984 में 2 और 3 दिसंबर की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से घातक गैस लीक होने के बाद भोपाल गैस त्रासदी ने कई हजार लोगों की जान ले ली थी। इस घटना ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था और समाज में रसायनों के उपयोग पर नई बहस को जन्म दिया।

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