Sitapur Crime News: आबकारी निरीक्षक की आत्महत्या का राज गहराया, उलझी पुलिस

यूपी के सीतापुरी में आबकारी निरीक्षक आलोक कुमार श्रीवास्तव की आत्महत्या की गुत्थी उलझती जा रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 2 April 2025, 1:57 PM IST
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बांदा: जनपद के आबकारी निरीक्षक की सुसाइड की कहानी उलझती ही जा रही है। पुलिस इस मामले में सभी एंगलों से जांच कर रही है। पुलिस उनकी महिला दोस्त को संदिग्ध मान पूछताछ की। उसके दुपट्टे में ही सुसाइड नोट फंसा मिला था और खून के धब्बे पाये गए थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मृतक की पहचान आलोक कुमार श्रीवास्तव के रूप में हुई। आलोक शिवपुरी मोहल्ले के रहने वाले थे। वे बांदा जनपद में आबकारी निरीक्षक ( Excise Inspector) के पद पर तैनात थे। उनकी पत्नी अमृता श्रीवास्तव भी बांदा में सहायक आबकारी आयुक्त हैं।

आबकारी निरीक्षक इलाज के दौरान मौत

जानकारी के अनुसार आलोक छुट्टी लेकर घर आए थे। मंगलवार सुबह वह किसी काम से कार से निकले थे। कुछ देर बाद वैदेही वाटिका के पास बंद कार में उनके निढाल पड़े होने की सूचना मिली। करीब ढाई बजे आलोक को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें उपचार के दौरान मृत घोषित कर दिया।

सुसाइड नोट में आलोक श्रीवास्तव ने लिखा है कि अयोध्या में तैनाती के दौरान 6 साल पहले मुझे सस्पेंड कर दिया गया था। करीब 5 साल पहले मुझे बहाल कर दिया गया। लेकिन, तब से आज तक मुझे तैनाती नहीं दी गई है। घर पर अकेले बैठे-बैठे परेशान हो चुका हूं। मैं अपने आप को समाप्त कर रहा हूं, इसका कोई जिम्मेदार नहीं है।

मौके पर एकत्रित भीड़

एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि प्रथम दृष्टया आत्महत्या प्रतीत हो रही है। सुसाइड नोट को जांच के लिए भेजा गया है। एक महिला से पूछताछ की गई है।

पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आत्महत्या के पीछे की असली वजह साफ होगी।

जांच में जुटी फॉरेंसिक टीम

स्थानीय लोगों ने बताया कि आलोक का सीतापुर-लखीमपुर मार्ग पर एक फार्म हाउस भी है। आलोक बीते मंगलवार को वहीं गए थे। वहां से निकलने के बाद उनका शव कार के भीतर मिला। 

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि फार्म हाउस पर ऐसा क्या हुआ कि लौटने के बाद ही उन्होंने सुसाइड कर लिया। फिलहाल पुलिस अभी हालात पर नजर रखे है। आलोक की पत्नी से भी पूछताछ की जा सकती है।

वहीं, सुसाइड नोट की जांच में भी यह स्पष्ट हो जाएगा कि नोट उन्होंने ही लिखा है या फिर किसी और ने। घटना को लेकर शिवपुरी मोहल्ले के लोग स्तब्ध हैं। उनका कहना है कि आलोक मिलनसार थे। वह अक्सर हंसते दिखते थे। वह आत्महत्या जैसा कदम उठाएंगे कभी सोचा नहीं था।

घटना से पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। आलोक परिवार में मातम छाया है। 
 

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