बलिया: छात्रवृति घोटाले में कॉलेज प्रबंधक गिरफ्तार, जानिये काला कारनामा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में लाखों रूपये के छात्रवृत्ति घोटाल में बड़ा एक्शन लिया गया है। ईओडब्लू की टीम ने कॉलेज प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प्रतीकात्मक छवि
प्रतीकात्मक छवि


बलिया: जनपद (Ballia) में वर्ष 2018 से 2021 के बीच हुई लाखों रूपये की छात्रवृति घोटाले (Scholarship Scam) की जांच करने लखनऊ (Lucknow) से यहां पहुंची आर्थिक अपराध अनुसंधान (ईओडब्ल्यू) की टीम ने मामले पर बड़ा एक्शन लिया है। ईओडब्ल्यू (Economic Offence Wing) ने भीमपुरा (Bhimpura) में छापेमारी (Raid) कर आशा सिंह होम्योपैथी फार्मेसी कॉलेज (Pharmacy College) शाहपुर टिटिहा के प्रबंधक (Manager) अंगद सिंह (Angad Singh) को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया। इस घोटाले में जिले के करीब 42 कालेज शामिल है। मामले में अब भी एक्शन जारी है और कई अन्य पर भी गाज गिर सकती है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में बलिया (Ballia) के करीब 42 कॉलेज शामिल हैं। विवेचना के दौरान साक्ष्य मिलने पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

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कई प्रबंधकों की उड़ी नींद 
गुरुवार की रात को यहां पहुंची ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने शुक्रवार को कई जगहों पर देर शाम तक कार्रवाई की। इस कार्रवाई से जिले के अन्य कॉलेज प्रबंधकों की नींद उड़ गई है। 

47 करोड़ रुपये का गबन
आर्थिक अपराध अनुसंधान (ईओडब्ल्यू) लखनऊ (Lucknow) के निरीक्षक जैनुद्दीन अंसारी ने बताया कि शिक्षा सत्र 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में प्रदेश के 200 कॉलेजों ने करीब 47 करोड़ रुपये छात्रवृति का गबन किया था। इसमें बलिया जनपद के करीब 42 कालेज शामिल हैं। 

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2022 में मुकदमा दर्ज
इस मामले में लखनऊ (Lucknow) के वजीरगंज थाना में 30 जुलाई 2022 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच चल रही है और साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारी भी हो रही है। 

प्रबंधक को भेजा गया जेल
बताया कि गिरफ्तार (Arrested) आशा सिंह होम्योपैथी फार्मेसी कॉलेज शाहपुर टिटिहा के प्रबंधक अंगद सिंह पर 2021-22 में पांच लाख घोटाले का आरोप है। कूटरचित दस्तावेज के आधार पर कॉलेज की मान्यता लेने के आरोप में मान्यता भी रद्द कर दिया गया था। बताया गया है कि प्रबंधक को लखनऊ (Lucknow) के वजीरगंज थाना पुलिस (Wazirganj police station) ने अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।










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