Baba Siddiqui Murder Case: जानिए कौन हैं बाबा सिद्दीकी, जिन्होंने कराई सलमान-शाहरुख की दोस्ती

बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों के बीच सुलह करवाने वाले एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्याकांड की खबर से बॉलीवुड में भी शोक की लहर दौड़ गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 October 2024, 10:02 AM IST
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मुंबई: बॉलीवुड के दो दिग्गज अभिनेता शाहरुख (Shahrukh) और सलमान खान (Salman Khan) की दुश्मनी को दोस्ती (Friendship) में बदलने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui) की शनिवार को मुंबई के बांद्रा इलाके में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या (Shot Dead) कर दी।पुलिस (Police) ने इस हमले के बाद दो हमलावरों को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बाबा सिद्दीकी बॉलीवुड से लेकर राजनीत तक अपनी मजबूत पकड़ रखते थे। बॉलीवुड में कुछ लोग ऐसे हैं जो सीधे तौर पर तो फिल्म इंडस्ट्री से नहीं जुड़े लेकिन सभी बड़े सुपरस्टार्स के साथ उनका बड़ा नजदीकी रिश्ता है।

गौरतलब है कि सलमान और शाहरुख की दोस्ती और दुश्मनी हमेशा से बॉलीवुड में छायी रही। दोनों ने अपने करियर के शुरुआती दौर में साथ काम किया था और तब से उनके बीच दोस्ती रही थी। 'करण अर्जुन' जैसी फिल्मों में दोनों की ऑन-स्क्रीन जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया. लेकिन उसके बाद दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई।

सलमान-शाहरुख की दोस्ती कराई
अभिनेत्री कटरीना कैफ की जन्मदिन पार्टी में हुए विवाद के बाद सलमान खान-शाहरुख खान के बीच लंबे समय तक दूरी बनी रही। दोनों ने कई सालों तक एक-दूसरे से बात नहीं की। बाबा सिद्दीकी ने इनके बीच दोस्ती कराई।

उन्होंने दोनों को अपनी इफ्तारी पार्टी में बुलाया और उनके बीच की दूरी खत्म की। इस पार्टी में दोनों सितारे मिले और उनके बीच सुलह हो गई। इसके बाद से शाहरुख-सलमान के रिश्ते पहले जैसे हो गए, तब से लेकर इस मेल-मिलाप का श्रेय बाबा को ही दिया जाता है।

बाबा सिद्दीकी ने न केवल राजनीति में अपनी पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों के बीच सुलह करवाने में भी अहम भूमिका निभाई। 

बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक करियर 
बाबा सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी। वे बीएमसी में कॉरपोरेटर चुने गए और बाद में तीन बार बांद्रा वेस्ट से विधायक भी बने। साल 2004 से 2008 तक उन्होंने महाराष्ट्र में राज्य मंत्री के रूप में काम किया। उन्हें महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के मुंबई डिवीजन का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजीत पवार गुट) का दामन थाम लिया था, जिससे उन्होंने 48 साल की कांग्रेस पार्टी की सदस्यता को अलविदा कहा था।

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