CBSE Topper Rukmani Tibrewal: सीबीएसई टॉपर्स रुक्मिणी टिबड़ेवाल LIVE, जानिये आज़मगढ़ की मेधावी छात्रा की सफलता की कहानी

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद की रुक्मिणी टिबड़ेवाल भी उन होनहार स्टूडेंट्स में शामिल हैं, जो इस साल सीबीएसई बोर्ड के टॉपर्स बने हैं। रुक्मिणी ने डाइनामाइट न्यूज़ के साथ खास बातचीत में अपनी सफलता और भविष्य की योजनाएं बताईं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



नई दिल्ली: साधारण पृष्ठभूमि और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भी किसी भी परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया जा सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है रुक्मिणी टिबड़ेवाल ने। रुक्मिणी ने सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 97.60 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉपर्स की सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। इस उपलब्धि के साथ ही रुक्मिणी आजमगढ़ जनपद की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा टॉपर भी बनी है।

डाइनामाइट न्यूज़ ने रुक्मिणी टिबड़ेवाल के साथ खास बातचीत की। इस इंटरव्यू में रुक्मिणी ने टॉपर बनने की अपनी जो कहानी बताई, वह लाखों छात्र-छात्राओं के लिये बड़ी सीख है। इसके साथ ही रुक्मिणी ने इस बातचीत में अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया।

रुक्मिणी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद की रहने वाली है। पीसीबी स्ट्रीम की छात्रा रहीं रुक्मिणी ने बताया कि उसने कोई कोचिंग या ट्यूशन लिये बिना ही 12वीं बोर्ड परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक पाकर आजमगढ़ जनपद को टॉप किया। रुक्मिणी ने इसका श्रेय अपने माता-पिता, टीचर्स और परिजनों को दिया। 

रुक्मिणी ने बताया कि उसके टीचर्स ने उसको हमेशा सपोर्ट किया। जब उसे कोई कन्फ्यूजन होता या किसी सवाल का जवाब न आता तो वह व्हॉट्सएप्प पर टीचर को सवाल भेजती और टीचर तत्काल उसका कन्फ्यूजन दूर करते और सवाल का जवाब समाझाकर भेजते, जिससे उसे बड़ी मदद मिली। 

उसने बताया कि उसके माता-पिता से उसे हमेशा सपोर्ट मिलता रहा है और इस सफलता में उनका भी बराबर का योगदान है। 

रुक्मिणी के पिता प्रवीण टिबड़ेवाल आजमगढ़ में एक किराना स्टोर का संचालन करते हैं जबकि उसकी मां एक होम मेकर (गृहणी) हैं। रुक्मिणी ने बताया कि उसके पिता बेहद सपोर्टिव हैं।

बेहद साधारण परिवार से आने वाली इस मेधावी छात्रा ने बताया कि 12वीं में पढ़ाई के दौरान एक भीषण सड़क हादसे में उनके करीबी परिजन चल बसे। उनके साथ रुक्मिणी भी थी लेकिन वह ईश्वर की कृपा से बाल-बाल बच गईं। रुक्मिणी को अपने उन परिजनों से अथाह आत्मीयता थी। इस सड़क हादसे के कारण वो खुद भी लंबे समय तक गहरे शोक और पीड़ा में रहीं। लेकिन इस तरह की कठिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उसके हिम्मत नहीं हारी और इनसे उबरकर पढ़ाई पर पूरा फोकस किया, जिसका नतीजा आज सभी के सामने है।

आजमगढ़ जनपद की टॉपर बनीं इस छात्रा ने बताया कि उसे यह उम्मीद थी कि उसे बोर्ड परीक्षा में लगभग 95 प्रतिशत से ऊपर अंक जरूर मिलेंगे लेकिन परीक्षा परिणाम आने के बाद जब पता चला कि उसे 97.60 फीसदी अंक मिले हैं तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।

रुक्मिणी इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली में रह रहीं हैं। उसने बताया कि वह यहां नीट परीक्षा की तैयारी कर रही है और कोचिंग ले रही है। रुक्मिणी नीट परीक्षा पास करके डॉक्टर बनना चाहती है। उसने बताया कि समाज और आम जनता की सेवा के मकसद से ही उसने डॉक्टर बनने का सोचा है। रुक्मिणी ने भी भरोसा जताया कि वह अगले साल नीट परीक्षा पास करेगी और एक दिन जरूर डॉक्टर बनेगी।










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