Article 370: राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास, लोकसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित
राज्यसभा में पेश किये गए बिल पर आज लोकसभा में चर्चा हुई। इस दौरान केंद्र की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षियों के ओर से उठाए गए सवालों का जवाब दिया। हालांकि इस दौरान पक्ष-विपक्ष में कई बार जोरदार बहस भी हुई। इस दौरान कांग्रेस विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री सांसद अखिलेश यादव समेत तमाम लोगों ने अपने सवालों को संसद के पटल पर रखा। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें पूरी खबर..
नई दिल्ली: राज्यसभा से पास होने के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को लोकसभा में चर्चा के लिए रखा था। पूरे दिन विचार विमर्श के बाद इस पर वोटिंग हुई। जिसमें बिल के पक्ष में 351 और विपक्ष में 72 वोट पड़े। जबकि कुल 424 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। इस दौरान समाजवादी पार्टी ने वोटिंग से पहले खुद को अलग रखा और वॉकआउट किया। बिल पास होने के बाद से ही लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
The Jammu & Kashmir Reorganization Bill, 2019 has been passed by Lok Sabha with 370 'Ayes' & 70 'Noes' https://t.co/aGZLwcdT3N
— ANI (@ANI) August 6, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आप पीओके के बारे में सोच रहे हैं, आपने सभी नियमों का उल्लंघन किया और एक राज्य को रातोंरात केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया।
Lok Sabha adjourned sine die pic.twitter.com/LtiZDmkWjB
— ANI (@ANI) August 6, 2019
कांग्रेस समेत सपा सहित कई दलों ने इसका पुरजोर विरोध किया। हालांकि केंद्र की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी सवालों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 से कश्मीर के लोगों का विकास नहीं हुआ बल्कि तीन राजनीतिक परिवारों को ही फायदा हुआ। जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने का जवाब देते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है जिसमें समय के साथ बदलाव किया जाएगा।
लोकसभा में चर्चा के मुख्य बिन्दु:
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा से पास।
- धारा 370 और 35 A को ढाल बनाकर करप्शन हुआ। 370 के चलते वहां परिसीमन नहीं हुआ। तीन परिवारों की वजह से करप्शन पनपा: अमित शाह।
- अमित शाह ने कहा- लद्दाख के लोगों ने UT बनाने की मांग की थी। नेहरू ने 370 को अस्थायी बताया था।
- गृह मंत्री ने कहा- आज लोग फोन ना लगने की बात कर रहे हैं। एक समय था जब ब्रेड-बटर भी नहीं मिलता था।
- हम हुर्रियत से बात नहीं करना चाहते। बातचीत करते-करते 70 साल हो गए। घाटी के लोगों से जरूर चर्चा करेंगे।
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- नेहरू ने सेना को नहीं रोका होता तो PoK भी हमारा होता। उनकी वजह से आज पीओके है।
- नेहरू जी ही कश्मीर मसले को UN ले गए। आर्टिकल 370 हटाने के लिए इतिहास हमेशा मोदी जी को याद रखेगा।
- लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं बिल का विरोध करने के लिए खड़ा हुआ हूं। निश्चित रूप से भाजपा ने अपने घोषणा पत्र के चुनावी वादे को पूरा किया है, लेकिन आप अपने संवैधानिक कर्तव्यों पर खरे नहीं उतरे हैं।
- फारूक अब्दुल्ला पर अमित शाह ने कहा, उन्हें ना गिरफ्तार किया गया है और ना ही वो डिटेंशन में हैं। उनका स्वास्थ्य अच्छा है, मौज-मस्ती में हैं, उनको नहीं आना है तो गन कनपटी पर रख बाहर नहीं ला सकते हम।
- सुप्रीया सुले ने कहा,'आपने Jammu kashmir को विभाजित किया है, मुझे नहीं पता कि क्यों? आंध्र के बारे में बहुत बात की गई थी। जब बहस हुई थी तब मैं यहां थी। 2 गलतियां एक अधिकार नहीं बनाती हैं।
- लद्दाख से बीजेपी एमपी जामयांग शेरिंग नांग्याल ने कश्मीर पर कांग्रेस, एनसी और पीडीपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कश्मीर की हितों की बात करने वाले यह दल क्यों भूल जाते हैं कि उन लोगों ने लेह और लद्दाख के साथ क्या किया।
- आर्टिकल 370 हटाने पर कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने कहा, 'क्योंकि हम विपक्ष में हैं, इसलिए लोग हमसे विरोध की उम्मीद करते हैं। लेकिन मेरी राय में अनुच्छेद 370 को रद्द करने का निर्णय सही है।
- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'हम देश के साथ हैं। लेकिन अब मेरा सवाल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की स्थिति को लेकर है। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।'