यूपी के गालीबाज आईपीएस का एक और कांड: इंस्पेक्टर को दी गालियां, रिश्वतखोरी की भी खुली पोल

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश में गालीबाज आईपीएस के नाम से प्रसिद्ध प्रमोटेड आईपीएस विपिन कुमार मिश्रा का एक और नया कांड सामने आया है। दो साल पहले अंबेडकरनगर में एसपी रहते हुए सांसद प्रतिनिधि को गालियां बकने वाले विपिन ने अब बहराइच एसपी के रुप में अपने मातहत कोतवाल डीके श्रीवास्तव को भयानक गालियां दी हैं। जिसके बाद महकमे में बवाल मच गया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:



बहराइच: दो साल पहले अंबेडकरनगर के पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान सांसद प्रतिनिधि कृष्ण गोपाल को जमकर गालियां देने वाले प्रमोटेड आईपीएस विपिन कुमार मिश्रा का एक और नया कांड सामने आया है। 

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1990 बैच के पीपीएस विपिन मिश्र प्रमोशन के बाद आईपीएस तो हो गये लेकिन तमीज और तहजीब दोनों भूल बैठे। ये जिस भी जिले में तैनात होते हैं, वहां पर गालियों को लेकर चर्चा में रहते हैं।

इस बार की खास बात ये भी है कि गालियों की आड़ में इनके मातहत इंस्पेक्टर ही पुलिस महकमे में व्याप्त इनकी रिश्वतखोरी की पोल खोल रहे हैं।

ये है मामला
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बहराइच जिले के नानपारा कोतवाली इलाके में ग्राम गुलासपुरवा पतरहिया में आपसी लड़ाई में में गोली चलती है। इसके बाद एसपी विपिन मिश्रा संबंधित सीओ से फोन पर बात करते हैं। कथित तौर पर इस बातचीत में एसपी नानपारा कोतवाल डीके श्रीवास्तव को मां-बहन की भद्दी गालियां देते हैं कि ये क्षेत्र में नहीं निकलता। कहा जा रहा है कि सीओ ने ये रामकहानी कोतवाल को बता दी। फिर इसके बाद कोतवाल ने एसपी को फोन लगाकर पूछा कि क्या आपने मुझे गालियां दी हैं? इस बातचीत का आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

इसके बाद कोतवाल ने देवीपाटन रेंज के डीआईजी राकेश सिंह को फोन कर सारी बात बतायी और यह भी कहा कि विपिन मिश्रा किस हद तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और महीने में दो-दो बार वसूली कर रहे हैं। एसपी के भ्रष्टाचार औऱ रिश्वतखोरी के बारे में हो रही बातचीत का यह आडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। कोतवाल डीआईजी को बता रहे हैं कि कैसे मातहत पुलिसवालों का एसपी खून चूस रहे हैं और बेवजह परेशान करने के लिए झूठी फाइलें खोल रहे हैं। 

मामले में एसपी ने कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया है तो डीआईजी ने कहा है कि इस मामले में रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। 

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कुल मिलाकर इस मामले ने जहां अनुशासित महकमे के तमाम दावों की धज्जियां उड़ा कर रख दी हैं वहीं पुलिस महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बार उजागर किया है। जब खुलेआम इंस्पेक्टर ही अपने एसपी पर अवैध वसूली का आरोप लगा रहे हैं तो बड़ा सवाल यह है कि क्या इस रिश्वतखोरी के मामले में क्या कोई कार्यवाही लखनऊ में बैठे अफसर करेंगे या फिर सब कुछ ठीक होने का ढ़ोंग करते हुए भ्रष्टाचार के इस मामले को भी लीप-पोत देंगे? 










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