अमृतसर ट्रेन हादसाः दशहरा आयोजनकर्ता ने VIDEO जारी कर बताई चौंकाने वाली सच्चाई..
अमृतसर के जोड़ा फाटक पर दशहरे के दिन हुये ट्रेन हादसे के बाद जहां एक तरफ प्रदेश सरकार और रेलवे मामले में आयोजनकर्ताओं की लापरवाही बताकर इससे पल्ला झाल रहा हैं। वहीं अब इसके आयोजनकर्ता ने एक VIDEO जारी कर कई बातें सामने रखी हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें, हादसे को लेकर क्या कहा आयोजनकर्ता ने
अमृतसरः जोड़ा फाटक पर दशहरे के दिन हुये दर्दनाक हादसे के बाद पंजाब सरकार और रेलवे के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश है। इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो चुकी हैं वहीं अब भी कई लोग जिंदगी और मौत से अस्पताल में लड़ रहे हैं। घटना के बाद से जहां रेलवे अपनी तरफ से किसी भी तरह की लापरवाही होने की बात से पल्ला झाड़ रहा है वहीं जिला प्रशासन यह कहकर अपने को कसूरवार होने से बचा रहा है कि रामलीला कराने और दशहरे के आयोजन को लेकर आयोजकों की तरफ से उनके पास अनुमति के लिये कोई भी नहीं पहुंचा था।
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जिला प्रशासन का कहना है कि उन्हें जोड़ा फाटक के पास दशहरे के आयोजन को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। सामने आई हैं। दशहरे कार्यक्रम का आयोजन करने वाले आयोजक सौरभ मदन मिथू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आयोजन को लेकर पूरी कहानी बयां की है। सौरभ के अनुसार उन्होंने दशहरे के आयोजन को लेकर प्रशासन से अनुमति मांगी थी। यहीं नहीं कार्यक्रम में आने वाली भारी भीड़ को लेकर उन्हें पहले से अनुमान था जिसके लिये आयोजन स्थल पर वो तमाम तैयारियां की गई थी जिससे यहां पर कोई घटना न घटे।
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इन तैयारियों में विशेषतौर से पानी के टैंकर भी मंगाये गये थे, ताकि आग जैसी घटना पर काबू पाया जा सके। वहीं अब मामले में एक चौंकाने वाली सच्चाई मिथू ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि उन्होंने इसके लिये आयोजन स्थल पर सुरक्षा घेरा भी बनाया गया था। साथ ही रेलवे लाइन से एक विशेष दूरी बनाकर रखी गई थी। आयोजन स्थल पर लोगों के बैठने के लिये कुर्सियां भी लगाई गई थी।
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इसके साथ ही फाटक के पास स्थित धोबी घाट में आठ से दस फुट की दीवार से भी लोग दशहरे का आयोजन देख रहे थे। यहीं नहीं जो लोग जोड़ा फाटक के ट्रैक पर खड़े थे उनसे हमने मंच से कई बार लाउडस्पीकर पर अनाउंस किया था कृपया करके रेलवे ट्रैक पर खड़े न रहे, इसके बावजूद लोग वहां पर खड़े हुये। इतनी बार एनाउंसमेंट के बाद भी लोगों ने अनदेखी की और जब रावण पुतला दहन हो रहा था तभी वहां पर ट्रेन आ गई और जो लोग ट्रैक पर खड़े होकर पुतला दहन देख रहे थे वो ट्रेन की चपेट में आ गये। सौरभ मिथू की मानें तो घटना के बाद से उनको लोगों को जवाब देना भारी पड़ रहा है।
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उनका कहना है कि यह सब दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हो गया उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि आयोजन स्थल पर ऐसा कुछ घटित हो जायेगा कि जिससे भविष्य में उन्हें बयान देना भी भारी पड़ेगा। साथ ही मदन मिथू का कहना है कि घटना के बाद से ही कुछ लोग जो उनसे आपसी रंजिश रखते हैं उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वह इस घटना के लिये मुझे कशूरवार ठहरा रहे हैं जो कि बेबुनियाद है।