

हाल में ही असम लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों की घोषणा की गई थी। इस परीक्षा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की बेटी दीक्षा ने आठवां स्थान हासिल किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: असम लोक सेवा आयोग (APSC) द्वारा पिछले हफ्ते ही राज्य सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों की घोषणा की गई थी। इस परीक्षा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की बेटी दीक्षा ने आठवां स्थान हासिल किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दीक्षा ने अपने जीवन में कई कठिन परिस्थियों को देखा है। बताया जाता है कि वित्तीय बाधाओं के कारण दीक्षा की मां उनको उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर नहीं भेज पाई थीं। इसके बावजूद भी उन्होंने शानदर सफलता हासिल की है।
कठिनाईयों से भरा रहा है कि दीक्षा का जीवन
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेबी सरकार ने जब एक बटी को जन्म दिया, उसके बाद उनके ससुराल वालों ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बेबी सरकार के पति लड़का चहते थे, जो आगे चलकर परिवार का उत्तारधिकारी बने।
बताया जाता है कि बेबी सरकार के ससुराल वालों को जब पता चला कि बेटी दीक्षा का जन्म पास के अस्पताल में हुआ है, तो उन्होंने नवजात शिशु को देखने से मना कर दिया। इसके बाद हालात इतने बिगड़ गए कि बेबी सरकार अपनी एक महीने की बेटी के साथ अपने पति और उसके परिवार को छोड़कर बांग्लादेश सीमा के पास श्रीभूमि में डाकबंगला रोड पर एक मामूली दो कमरों के किराये के मकान में रहने लगीं।
रंग लाई मां की मेहनत
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेबी सरकार उनकी बेटी दीक्षा की मेहनत ने एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। बेबी सरकार ने कहा कि मुझे अपनी बेटी की अविश्वसनीय उपलब्धियों पर बहुत गर्व है। उसने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से हमारे श्रीभूमि जिले को बहुत खुशी और गौरव दिलाया है।