फतेहपुर ट्रिपल हत्याकांड: घर में बचा 6 साल का बेटा, बहू और सास, वर्चस्व की लड़ाई ने उजाड़ दिया परिवार

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में बाप, बेटा और चाचा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। यह हत्याएं सिर्फ वर्चस्व की लड़ाई में हुई हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 April 2025, 2:44 PM IST
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फतेहपुर: किसान नेता पप्पू सिंह, उनके बेटे अभय और पिंकू सिंह की हत्या सिर्फ प्रधानी और वर्चस्व की लड़ाई में हुई है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस लड़ाई में पप्पू का परिवार उजड़ गया है। अब पप्पू के घर में उसकी मां, पोता और बहू जिंदा बची है। बाकी सब खत्म हो गया है। पप्पू की पत्नी की करीब 20 साल पहले मौत हो चुकी है। अब पप्पू और उसके बेटे अभय की मौत के बाद परिवार लगभग खत्म हो गया। पूरे घर में कुल 3 लोग बचे है। वहीं, पिंकू के घर में उसका 4 वर्षीय बेटा और पत्नी है। 

कब की वारदात?

यह वारदात मंगलवार सुबह की है। सुबह करीब 9 बजे हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में यह वारदात हुई। अखरी गांव के पूर्व प्रधान सुरेश कुमार उर्फ मुन्नू सिंह अपनी बाइक लेकर जा रहे थे। रास्ते में पप्पू सिंह का ट्रैक्टर खड़ा था। इस दौरान सुरेश कुमार ने पप्पू से रास्ते में खड़ा ट्रैक्टर हटाने को कहा था, लेकिन पप्पू सिंह ने ट्रैक्टर हटाने से इंकार कर दिया।

कैसे शुरू हुआ विवाद

ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान पप्पू सिंह और सुरेश कुमार के बीच बहस हो गई। पहले दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौच हुई। तेज-तेज आवाज में लड़ाई हो रही थी। जिसके बाद सुरेश कुमार के साथी मौके पर आ गए। सुरेश कुमार के परिवार वाले हथियार लेकर आए थे। उधर पप्पू के घर से उनका बेटा अभय और भाई पिंकू सिंह भी पहुंच गए। 

20-25 राउंड फायरिंग

सुरेश कुमार के साथियों के हाथ में हथियार थे। इसलिए पप्पू सिंह के साथ उसका बेटा अभय और भाई पिंकू मौके से भागने लगे, लेकिन इतने में ही सुरेश कुमार और उसके साथियों ने पप्पू सिंह समेत तीनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस वारदात में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीण वाले मौके पर इकट्ठा हो रहे थे, लेकिन उससे पहले ही सुरेश कुमार और उसके दोनों साथी मौके से फरार हो गए। मौके पर करीब 20-25 राउंड फायरिंग हुई थी। 

चुनाव के बाद रंजिश में कड़वाहट

लोगों का कहना है कि पप्पू और सुरेश के बीच प्रधानी चुनाव को लेकर रंजिश चल रही थी। अबकी बार हुए ग्राम परधानी के चुनाव में सुरेश सिंह के परिवार को हार मिली और पप्पू सिंह की मां प्रधान बन गई। जिसके बाद रंजिश में ज्यादा कड़वाहट आ गई थी। किसान नेता पप्पू सिंह का अभय इकलौता बेटा था। 

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