आरोपी गौरक्षक की मां ने कहा- पुलिस की पिटाई से बहू ने बच्चा खोया, राजस्थान पुलिस ने किया खंडन

डीएन ब्यूरो

राजस्थान पुलिस ने एक महिला के उन आरोपों का खंडन किया है कि राजस्थान पुलिस कर्मियों की पिटाई के बाद उसकी गर्भवती बहू ने अपना बच्चा खो दिया।

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


जयपुर: राजस्थान पुलिस ने एक महिला के उन आरोपों का खंडन किया है कि राजस्थान पुलिस कर्मियों की पिटाई के बाद उसकी गर्भवती बहू ने अपना बच्चा खो दिया।

महिला ने आरोप लगाया था कि गौ रक्षकों द्वारा दो लोगों के कथित अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस उसके बेटे को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पर छापेमारी करने आयी थी और उस दौरान राजस्थान पुलिस कर्मियों ने उसकी बहू से मारपीट की थी जिसके कारण उसकी गर्भवती बहू ने अपना बच्चा खो दिया।

मानेसर में मोनू के नेतृत्व वाले गौ रक्षा समूह के सदस्य श्रीकांत पंडित की मां दुलारी देवी ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके दो अन्य बेटों को जबरन उठा लिया।

भरतपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्याम सिंह ने बताया, ‘‘राजस्थान पुलिस ने हरियाणा में नामजद आरोपियों के घरों पर छापा मारा था और हरियाणा पुलिस भी वहां मौजूद थी। जहां तक घर में प्रवेश करने की बात है तो न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा पुलिस भी घरों में नहीं घुसी थी।’’

उन्होंने बताया, ‘‘आरोपी घर में मौजूद नहीं था। उसके दो भाई घर से बाहर आए थे और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। महिला द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनके परिवार के सदस्य पर आरोप है इसलिए वे आरोप लगा रहे हैं।’’

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राजस्थान पुलिस ने मामले में बजरंग दल से जुड़े पांच लोगों को नामजद किया था। राजस्थान के भरतपुर के दो लोगों की मौत के मामले में गिरफ्तारी से बच रहे चार लोगों में मोनू और पंडित शामिल हैं। राजस्थान के भरतपुर निवास दो युवकों के जले हुए शव बृहस्पतिवार को हरियाणा के भिवानी में पाए गए थे।

दुलारी देवी ने आरोप लगाया कि राजस्थान पुलिस की टीम ने शुक्रवार सुबह घटना के दौरान महिलाओं सहित उनके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की थी।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राजस्थान पुलिस के 40 से अधिक कर्मियों की टीम जबरन उसके घर में घुस गई और श्रीकांत के ठिकाने के बारे में पूछा।

महिला ने दावा किया, ‘‘जब मैंने उन्हें बताया कि मेरा बेटा घर पर नहीं है, तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे की गर्भवती पत्नी कमलेश को पीटा। उन्होंने गालियां दीं और मेरे दो बेटों विष्णु और राहुल को अपने साथ ले गए और हमें अब भी उनके ठिकाने के बारे में पता नहीं है।’’

दुलारी देवी ने दावा किया कि उनकी बहू के गर्भ के नौ महीने पूरे हो गए थे।

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महिला ने दावा किया, ‘‘पुलिस ने श्रीकांत की गर्भवती पत्नी के पेट पर भी लात मारी और उसे पेट में दर्द होने लगा। उसे मंडी खेड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे नालहर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया वहां उसकी बहू को मृत बच्चा पैदा हुआ था। बहू अब भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।’’

राजस्थान के भरतपुर जिले से अगवा किए गए जुनैद और नासीर के जले हुए शव हरियाणा के लोहारू में मिले थे।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुनैद का पशु तस्करी का आपराधिक रिकॉर्ड था और उसके खिलाफ विभिन्न थानों में पांच मामले दर्ज थे।

एसपी ने कहा था कि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर गोपालगढ़ पुलिस थाने में पांच लोगों अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और मोनू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 365, 367, और 368 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 










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