Prayagraj: प्रयागराज में खुशनुमा मौसम के बीच जानिये कितने श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर शनिवार को दोपहर 12 बजे तक करीब 7.5 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। पिछले दो दिनों से यहां मौसम खुशनुमा रहने से भोर से ही गंगा में डुबकी लगाने के लिए पहुंचने लगे।
प्रयागराज: माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर शनिवार को दोपहर 12 बजे तक करीब 7.5 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। पिछले दो दिनों से यहां मौसम खुशनुमा रहने से भोर से ही गंगा में डुबकी लगाने के लिए पहुंचने लगे।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि मकर संक्रांति पर दोपहर 12 बजे तक करीब 7.5 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। गंगा और संगम के तट पर बनाए गए सभी 14 घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ भोर चार बजे से ही बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि चूंकि मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी माना जाना है, इसलिए कल दोपहर तक पुण्यकाल में लोगों का गंगा स्नान जारी रहने की संभावना है। इससे पूर्व, प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर पांच लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया था।
माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं के सुगम स्नान के लिए इस वर्ष 14 घाट बनाए गए हैं जिनकी कुल लंबाई 6,000 फुट से अधिक है। भीड़ प्रबंधन के लिए आईसीसीसी में लगे स्क्रीन के पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। सभी नाविकों को लाइफ जैकेट दिए गए हैं।
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उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन के लिए गंगा नदी पर पांच पांटून पुल (पीपे के पुल) बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है।
पुलिस अधीक्षक (माघ मेला) आदित्य कुमार शुक्ला ने बताया कि माघ मेले में कुल 13 थाने और 38 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो एसपी, तीन एएसपी, 9 सीओ और 5,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप इस माघ मेला को आगामी महाकुंभ के लिए परीक्षण के तौर पर लिया जा रहा है और सिपाहियों को लोगों से अच्छा व्यवहार करने का नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कोरोना को लेकर सावधानी के बारे में अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डाक्टर केके वर्मा ने बताया कि मेला क्षेत्र में प्रत्येक प्रवेश बिन्दू पर सहायता केन्द्र बनाए गए हैं जहां मेला में आने वाले लोगों की प्रारंभिक जांच की जाती है और कोरोना का किसी तरह का लक्षण मिलने पर उसे मेला में नहीं जाने दिया जाता।
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उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 20-20 बिस्तरों वाले दो अस्पताल खोले गए हैं और प्राथमिक उपचार के लिए 2-2 बेड के 10 अस्पताल खोले गए हैं। स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में सफाईकर्मी लगाए गए हैं।
माघ मेले का अगला स्नान 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पड़ेगा जिसके साथ माघ मेला संपन्न होगा।