छुट्टियों में शिमला में होटल के 70 फीसदी कमरे बुक हुए

डीएन ब्यूरो

लंबे सप्ताहांत (30 सितंबर से दो अक्टूबर तक) के दौरान शिमला में होटल के 70 फीसदी से अधिक कमरे बुक रहे। इसे राजधानी में पर्यटन के पटरी पर लौटने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

शिमला में होटल के 70 फीसदी कमरे बुक हुए
शिमला में होटल के 70 फीसदी कमरे बुक हुए


शिमला: लंबे सप्ताहांत (30 सितंबर से दो अक्टूबर तक) के दौरान शिमला में होटल के 70 फीसदी से अधिक कमरे बुक रहे। इसे राजधानी में पर्यटन के पटरी पर लौटने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ‘शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष एमके सेठ ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हालात सुधर रहे हैं। इस सप्ताह के अंत में होटल के 70 प्रतिशत से अधिक कमरे बुक थे। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में शिमला उड़ान महोत्सव (एक पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता) के दौरान पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। उत्सव का आयोजन 12 से 15 अक्टूबर तक शिमला के उपनगर जुंगा में होने वाला है।’’

सेठ ने बताया कि एक नवंबर को शिमला और अमृतसर के बीच उड़ानें शुरू होने से पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि वह शिमला का पर्यटन गतिविधियों के ‘खजाने’ के रूप में प्रचार करना चाहते हैं और उनकी योजना है कि सुन्नी में जल क्रीडा और कुफरी में रोमांचक खेलों की व्यवस्था की जाए।

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एक अन्य होटल व्यवसायी सुशांत नाग ने कहा कि सड़कों के खुलने और कालका-शिमला रेल मार्ग पर ट्रेन सेवा फिर से शुरू होने से कमरों की बुकिंग के लिए लोग संपर्क कर रहे हैं।

पर्यटन उद्योग से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के पर्यटक अक्सर 15 सितंबर से 15 नवंबर के बीच शिमला और हिमाचल प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों पर आते हैं, जबकि गुजरात के पर्यटक भी सितंबर से यहां का रुख करते हैं, लेकिन राज्य से बाहर की पंजीकृत बसों पर कर लगाने से टूर ऑपरेटर हिमाचल आने से अपने कदम पीछे खींचने लगे हैं।

एसोसिएशन के सदस्यों ने हिमाचल सरकार से राज्य से बाहर की पंजीकृत बसों के प्रवेश पर लगने वाले कर को वापस लेने की मांग की है।

बिना अनुमति (बिना कर चुकाए) हिमाचल प्रदेश में चलने वाली अन्य राज्यों की पंजीकृत बसों से प्रतिदिन पांच हजार रुपये वसूले जाते हैं।

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जुलाई और अगस्त में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद राज्य की सैकड़ों सड़कें अवरुद्ध हो गई थीं और होटल में कमरों की बुकिंग शून्य से दो प्रतिशत तक सिमट गई थी। इसके चलते पर्यटन क्षेत्र को दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा था।

सरकार के अनुसार, 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक बारिश के कारण हुई दुर्घटनाओं में 304 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया कि इस मानसून सीजन में राज्य को 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

 










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